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ये10 बातें जो वेश्याएं हमेशा सोचती है, आप वहां गये होंगे तो जरूर जानते होंगे !

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 19 2020 11:00AM | Updated Date: May 19 2020 11:01AM
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आपको पता हो या ना पता हो लेकिन उनके भी कई अरमान होते हैं। किन्तु वह इन्हें ना तो किसी से कह सकती हैं और ना ही चाहकर पूरा कर पाती हैं। हमारे समाज में आज भी वेश्याओं को निम्न दृष्टि से देखा जाता है, लेकिन दिन के उजाले में इनसे नफरत करने वाले रात के अंधेरे में अपनी भूख मिटाने के लिए इनके चौखट पर दस्तक देते हैं।

आज हम आपको बताने वाले हैं 10 ऐसी बातें जो वेश्याएं सोचती है –

काश मेरा भी परिवार होता- वेश्याएं एक तरह से समाज से अपने को कटा हुआ महसूस करती हैं। वह रात के अंधेरे में पता नहीं कितनों से अपने शरीर को जख्मी करवाती हैं, उस समय वह यही सोचती हैं कि काश मेरा भी परिवार होता, पति होता तो मैं इस तरह के दलदल वाली जिंदगी जीने पर मजबूर न होती।

मैं भी किसी के नाम का सिंदूर लगाती- वेश्याएं सोचती हैं कि काश मैं भी किसी के नाम का सिंदूर अपनी मांग में भरती। उसके लिए करवा चौथ का व्रत रखती और उसकी लंबी उम्र की कामना करती और वह भी मेरे जज्बातों को समझता।

मेरे भी बच्चों को पिता का नाम मिलता- वेश्याओं के होने वाले बच्चों को कोई भी अपना नाम देने को तैयार नहीं होता। वह सोचती हैं कि उनके बच्चे भी पढ़े-लिखें आगे बढ़े। उन्हें भी पिता का नाम मिलें, ताकि वह इस नर्कीय जीवन से बाहर निकल सकें।

इस नर्क में भगवान किसी को न भेजे- वेश्याएं जहां रहती हैं, वो जगह देखकर किसी की रूह कांप जाएं। आपको बता दें कि एक छोटे से कमरे में 10 से 12 वेश्याएं रहती हैं, वह वहां न तो ठीक से सो पाती और न ही रह पाती हैं। उस समय वो यही सोचती हैं कि भगवान इस नर्क में किसी और को न लाए।

हम इस समाज में सिर उठाकर जी पाती- समाज में सिर उठाकर हर कोई रहना चाहता है। उनके भी यही अरमान होते हैं कि वह भी समाज में अपनी अलग पहचान बनाएं। खुलकर सांस लें, जो चाहे वो करें और किसी की गुलाम बनकर उनके ईशारों पर न नाचें।

हमें भी मंदिर-मस्जिद जाने की आजादी होती- वेश्याओं को मंदिर-मस्जिद जाने की इजाजत नहीं दी जाती है। वह भी भगवान पर विश्वास रखती हैं। वह सोचती हैं कि काश हम भी भगवान के दर्शन करके अपने लिए कुछ मांग लेते, क्योंकि भगवान की नजरों में हम वेश्या नहीं, बल्कि इंसान हैं, जो यह समाज नहीं समझता है।

ऐसी जिल्लत भरी जिंदगी से तो मौत ही अच्छी है- कई बार शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेलने से तंग आ चुकी ये वेश्याएं सोचती हैं कि ऐसी जिल्लत भरी जिंदगी से तो मौत ही अच्छी है। वह जिंदगी के बजाय कई बार भगवान से मौत की दुआ करने लगती हैं।

बीमारी में हमारी भी कोई देखभाल करने वाला होता- कई बार इन्हें बीमारी में भी कई लोगों की भूख मिटाने के लिए कहा जाता है। ऐसे में ये सोचती हैं कि काश कोई हमारी केयर करने वाला होता, जो बीमारी में हमारी देखभाल करता और हम भी उसके सीने से लगकर सब गम भूल जाती।

रात को हम भी किसी के जल्दी का इंतजार करती- रात को हर पत्नी की निगाहें दरवाजे पर पति के इंतजार में लगी होती हैं। वह चाहती हैं कि उनका पति जल्दी से जल्दी उनके पास आ जाए। वेश्याएं भी यही सोचती हैं कि काश ये सुख के दिन हमारे भी होते।

काश हमारी भी चिंता करने वाला कोई होता- जब आपकी कोई चिंता करता है, तो कितना अच्छा लगता है। वेश्याएं भी यही सोचती हैं कि काश कोई हमारी चिंता करने वाला होता, जिससे हम अपने दुख-दर्द बांट सकती और उससे अपने दिल की बात कह सकती।

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