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बड़ी विचित्र है इस जनजाति की परंपरा, भाई-बहन की शादी करवा कर उनसे...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 4 2020 10:57AM | Updated Date: May 4 2020 10:58AM
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देश के विभिन्न क्षेत्रों में विवाह से संबंधित कई अनुष्ठान हैं। छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में विवाह के बारे में अविश्वसनीय धारणाएं हैं। शादी के विभिन्न तरीके यहां दिए गए हैं। बस्तर क्षेत्र में धुर्वा जनजाति में, भाई का विवाह फुफेरी बहन से हुआ है। धूर्व जनजाति बक्सर के सुक्मा जगदलपुर समेत कई क्षेत्रों में फैली हुई है। धूर्व युवा उच्च स्तर के हैं और मूंगा अनाज और रंगीन गहने के शौकीन हैं। उनकी परंपराएं भी बहुत दिलचस्प हैं। यहां विवाह न केवल रक्त संबंध में किया जाता है। अक्सर धुरवे बहन की बेटी के साथ बेटे के रिश्ते का फैसला करता है।

अगर इस संबंध के बारे में कोई आपत्ति उत्पन्न होती है तो उसके ऊपर भारी जुर्माना लगाया जाता है। जंगलों में पहुंचने वाली शहरी संस्कृति को बदलने के दौरान इस समाज की परंपराओं पर असर पड़ा है। बस्तर के धूर्वा जनजाति में, पानी को गवाह के रूप में माना जाता है। हर जगह पेड़ और पानी की पूजा की जाती है। घूमने के दौरान केवल दुल्हन और दुल्हन ही नहीं घूमते हैं लेकिन पूरा गांव उनके साथ फेरे लेता है। धूर्व को एक बार बस्तर में उनकी बहादुरी के लिए मान्यता मिली थी। यह जनजाति 1910 में अंग्रेजों के दमन का शिकार भी था। अपने हथियार चलाने और कब्जे पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और कई तरीकों से दंडित किया गया था।

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