इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और रावलपिंडी ने तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रदर्शनकारियों को राजधानी में प्रवेश से रोकने के लिए फैजाबाद चौराहे को जाम कर दिया है तथा कानून प्रवर्तन एजेंसिंयों ने इलाके को सील करते हुए सड़कों को कंटेनर लगाकर रास्तों को अवरूद्व कर दिया है।
अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने टीएलपी की रावलपिंडी शाखा के प्रमुख को फिर से गिरफ्तार करने के लिए उनके निवास और मदरसा पर छापेमारी शुरू कर दी है। रिपोर्ट लिखे जाने तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी।
टीएलपी प्रमुख को 22 अक्टूबर को हिरासत में लिया गया था लेकिन सरकार की ओर से पार्टी नेताओं से बातचीत के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था। इसबीच, गिरफ्तार टीएलपी कार्यकर्ताओं में से केवल पांच को सोमवार को अदिआला जेल से रिहा किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक पजांब सरकार ने तोबा टेक सिंह, मैनवाली, खुशाब और भवालपुर जिलों के पुलिस अधिकारियों को रावलपिंडी के क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी इमरान अहमर को अतिरिक्त बलों के साथ रिपोर्ट करने को कहा था। यह आदेश इसलिए दिया गया है कि कानून और व्यवस्था के मामले में रावलपिंडी रेंज पुलिस को मदद की जा सके।
टीएलपी का इस्लामाबाद मार्च का निर्णय गृह मंत्री शेख राशिद अहमद के इस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ने टीएलपी की अधिकांश मांगों को मान लिया है लेकिन ना तो फ्रांस के दूत को निष्कासित किया जा सकता है और ना ही दूतावास बंद किया जा सकता है। उन्होंने कहा,‘‘बैठक में टीएलपी की सभी मांगों पर सहमति व्यक्त की गयी। हमारा टीएलपी की मांगों पर कोई आपत्ति नहीं है बशर्ते फ्रेंच दूतावास को लेकर कोई अड़यिल रूख ना अपनाया जाए।