इस्लामाबाद। अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने दो दिवसीय भारत दौरे के बाद पाकिस्तान का दौरा पूरा कर लिया है। पाकिस्तान में वेंडी शरमन का एक बयान काफी चर्चाओं में है। वेंडी शरमन ने पाकिस्तान को शर्मसार करने वाला बयान दिया है। उनके इस बयान को लेकर पाकिस्तान में काफी नाराजगी है। वेंडी शरमन ने भारत दौरे के दूसरे दिन मुंबई में कहा था कि 'हम अमेरिका और पाकिस्तान के बीच किसी तरह का व्यापक संबंध नहीं देखते हैं। भारत और पाकिस्तान को जोड़कर देखने के पुराने दिनों में लौटने का हमारा कोई इरादा नहीं है। हम उस तरफ नहीं जा रहे हैं।' पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञों ने चर्चाओं में कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत में जाकर बेइज्जत किया। अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की शर्मनाक वापसी के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार मानता है। यह कारण है कि पाकिस्तान को आने वाले दिनों में और बुरे दिन देखने को मिल सकते हैं। उस पर कई प्रकार के आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। पाकिस्तान आने से पहले ही वेंडी शरमन की संबंधों को सीमित करने वाली बात को पाकिस्तान में गैर राजनयिक बताया गया और इसे लेकर काफी नाराजगी है। पाक मीडिया में इस बात को लेकर चर्चा है कि पाकिस्तान ने जिस तरह अमेरिका को अहमियत दी, अमेरिका का व्यवहार उसके अनुरूप नहीं रहा। इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ व्यापक और दूरदर्शी संबंध चाहता है, जो केवल अफगानिस्तान के मसले तक ही सीमित ना हों।
वेंडी शरमन ने जोर दिया था कि अमेरिका का मुख्य चिंता का कारण अफगानिस्तान है। हम सिर्फ इसी मसले पर पाकिस्तान पर बातचीत करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में क्या चल रहा है, ये हमें जानने की जरूरत है। तालिबान को लेकर हमारी सोच एक होनी चाहिए। हमें सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है, जिसमें भारत भी शामिल है। इसलिए मैं अमेरिका की विदेश मंत्री एंटी ब्लिंकन की बातचीत को जारी रखते हुए पाकिस्तान से कुछ विशिष्ट बातचीत करने जा रही हूं। सात और आठ अक्टूबर को वेंडी शरमन ने पाकिस्तान का दौरा पूरा किया। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोइद युसुफ से मुलाकात की।
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने भी वेंडी के बयान पर आपत्ति जताई। अब्दुल बासित ने कहा कि वेंडी शरमन ने एक अजीब और गैर जरूरी बात कह दी कि पाकिस्तान से हमारे ताल्लुकात सतही किस्म के हैं। हम उन्हें बढ़ाना भी नहीं चाहते और ना वो बढ़ सकते। उनके साथ मामला अफगानिस्तान की हद तक ही है। इसके अलावा भारत और पाकिस्तान का कोई मुक़ाबला नहीं है। उन्होंने कहा कि उनसे पाकिस्तान आने से पहले ऐसे बयान देने की उम्मीद नहीं थी। अगर अमेरिका और पाक के संबंध में समस्या हो या उतने बेहतर ना हो तो भी उसे सरेआम नहीं कहते। कोशिश तो यही होनी चाहिए कि ताल्लुकात में इजाफा हो लेकिन इसे न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता।