29 Mar 2024, 19:58:31 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » World

South China Sea में अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी टकराई अज्ञात चीज से, ड्रेगन पर शक

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 9 2021 11:24AM | Updated Date: Oct 9 2021 11:24AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

वॉशिंगटन। भारत-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी गहरे पानी में किसी अज्ञात चीज से टकरा कर क्षतिग्रस्त हो गई। दक्षिण चीन सागर  में चीन से तनाव के बीच इस हादसे से अमेरिका और बीजिंग के बीच नए सिरे से तनाव पैदा होने की आशंका हो गई है। हालांकि इस हादसे में जान-माल का बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि इस टक्कर से 15 अमेरिकी नौसैनिक घायल हो गए हैं। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक यूएसएस कनेक्टिकट जिस चीज से टकराई है, इसका पता अभी नहीं चल पाया है। हालांकि घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए चीन ने मांग की कि वॉशिंगटन घटना का ब्योरा दे और बताए कि दुर्घटना किस जगह हुई। बीजिंग ने आरोप लगाया कि नौवहन स्वतंत्रता के नाम पर हवाई और नौसैन्य अभियान चलाने की अमेरिका की जिद इस घटना की वजह है।
 
इस घटना से एक बार फिर इस क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया है क्योंकि चीन लगातार ताइवान के वायु क्षेत्र में घुसपैठ कर रहा है। यह देख अमेरिका ने ताइवान का साथ देने का भरोसा जताया है। अमेरिकी नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि यह पनडुब्बी अब गुआम में अमेरिकी क्षेत्र की ओर बढ़ रही है। अमेरिका के लिए राहत की बात यह है कि उसके न्यूक्लियर प्लांट को नुकसान नहीं पहुंचा है। अमेरिकी नौसेना के प्रवक्ता ने बयान में कहा, USS Connecticut के Nuclear Propulsion Plant को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और वह पूरी तरह से काम कर रहा है। इस घटना से पनडुब्बी को कितना नुकसान हुआ है, इसकी समीक्षा की जा रही है। ये घटना ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और चीन के बीच ताइवान के एयर डिफेंस आईडेंटिफ‍िकेशन जोन में चीनी मिलिट्री की घुसपैठ को लेकर तनाव बढ़ गया है।
 
इस घटना से संबंधित एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने मीडिया से यहां कहा, ‘चीन इस हादसे को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है। अमेरिका को हादसे के स्थान, नौवहन के उद्देश्य सहित घटना का ब्योरा देना चाहिए और बताना चाहिए कि कहीं कोई परमाणु रिसाव तो नहीं हुआ है और स्थानीय समुद्री पर्यावरण को कोई खतरा तो नहीं है। नौवहन की स्वतंत्रता के नाम पर हवाई और नौसैन्य अभियान चलाने की अमेरिका की जिद इस घटना की वजह है। अमेरिका इस दुर्घटना के विवरण का खुलासा करने में विलंब कर रहा है। वह पारदर्शिता और जिम्मेदारी रहित व्यवहार कर रहा है। चीन अधिकांश दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। वहीं, फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस पर अपना दावा करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में चीन ने इस समुद्री क्षेत्र में कई सैन्य अड्डे स्थापित किए हैं और अपने नौसैन्य पोतों तथा पनडुब्बियों का एक बड़ा बेड़ा तैनात किया है। घटना का जिक्र करते हुए चीन ने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बी बेचने का अमेरिका का निर्णय क्षेत्र में परमाणु खतरे को बढ़ाएगा। ताइवान के सैनिकों को अमेरिकी सैनिकों द्वारा प्रशिक्षण दिए जाने की खबरों पर चीन ने अमेरिका से यह भी कहा कि उसे ताइवान से अपने रक्षा संबंध खत्म करने चाहिए। चीन ताइवान को अलग हुआ अपना हिस्सा बताता है, जबकि ताइवान खुद को एक संप्रभु देश कहता है।

 

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »