वाशिंगटन। WHO एक नई टीम को साथ Covid-19 की उत्पत्ति की दोबारा जांच शुरू करने जा रहा है। इसके लिए 20 विज्ञानियों की नई टीम बनाई गई है, जो चीन और अन्य जगहों की जांच करेगी। इस नए जांच दल के जरिए WHO Covid-19 की उत्पत्ति की जांच फिर से शुरू करने के लिए तैयार है। इस टीम में प्रयोगशाला सुरक्षा, जैव सुरक्षा के विशेषज्ञ, आनुवंशिकीविद् और पशु-रोग विशेषज्ञ शामिल हैं, जो इस बात से वाकिफ हैं कि वायरस प्रकृति से कैसे फैलते हैं।
वाल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि ये दल चीन और अन्य जगहों पर नए सबूतों की तलाश करेंगे। इससे पहले डब्ल्यूएचओ-चीन की एक संयुक्त जांच टीम ने इस साल मार्च में इन संभावना को खारिज कर दिया था कि वायरस किसी प्रयोगशाला से बाहर आया था। जुलाई में महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने इस रिपोर्ट को कमतर आंकते हुए वुहान में अध्ययन के दूसरे चरण का प्रस्ताव रखा था, जिसमें वुहान शहर में प्रयोगशालाओं और बाजारों का आडिट भी शामिल है। घेब्रेयसस के अनुसार, महामारी के स्रोत की जांच करने के लिए चीन जाने वाली अंतरराष्ट्रीय टीम के लिए पुख्ता सबूत तक पहुंच प्राप्त करना एक चुनौती था। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय के वैज्ञानिकों के अनुसार, यह निर्धारित करने के लिए धीरे-धीरे समय समाप्त हो रहा है कि महामारी कैसे शुरू हुई। उन्होंने कहा कि रक्त के नमूने फेंके जा रहे हैं और कोविड -19 के शुरुआती पीड़ितों में एंटीबाडी का स्तर खत्म होता जा रहा है।
हालांकि, चीन ने WHO पर अहंकार और सामान्य ज्ञान की कमी का आरोप लगाते हुए जांच को खारिज कर दिया है। चीनी वैज्ञानिकों ने WHO को मैरीलैंड के फोर्ट डेट्रिक में यूएस आर्मी मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ इंफेक्शियस डिजीज सहित अन्य देशों में Covid-19 की उत्पत्ति की जांच का विस्तार करने के लिए भी कहा है। इस सप्ताह के अंत तक चुनी जाने वाली नई टीम को चीन से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है। WSJ की रिपोर्ट में कहा गया है कि WHO की मूल टीम को भंग कर दिया गया है। चीनी सरकार ने यह स्पष्ट करने से इनकार कर दिया है कि क्या वह देश में एक नई टीम को अनुमति देगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चीन ने पिछली जांच में पूरा सहयोग किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि देश WHO की नई टीम के चयन की बारीकी से निगरानी करेगा।