वॉशिंगटन। कोरोना संक्रमण के खात्मे के लिए बूस्टर शॉट की बढ़ती पैरवी के बीच वैश्विक स्तर पर COVID-19 का खतरा फिर बढ़ रहा है। भारत में भी विशेषज्ञ कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं। सभी इसके लिए कोरोना के डेल्टा वेरिएंट को जिम्मेदार बता रहे थे, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर रखा है। इस बीच अमेरिका में एक खतरनाक वेरिएंट आर-1 के पाए जाने से दुनिया में फिर से खलबली मच गई है। गौरतलब है कि अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन को कोरोना वैक्सीन की डोज लगाने के लिए कड़े दिशा-निर्देश देने पड़े हैं। साथ ही वहां बूस्टर शॉट की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। कोरोना संक्रमण का पहला मामला 2019 के आखिरी में सामने आया था। चीन के वुहान शहर से शुरू हुए संक्रमण ने देखते ही देखते दुनिया भर को अपनी गिरफ्त में ले लिया था। अगर आंकड़ों की भाषा में बात करें तो अब तक कोरोना संक्रमण वैश्विक स्तर पर 47,57,299 लोगों को लील चुका है। इस वक्त सबसे प्रभावित देशों में अमेरिका, ब्राजील और भारत हैं। भारत में कोरोना संक्रमण के अब तक 33,651,221 मामले सामने आ चुके हैं। इसकी चपेट में आने से 4,46,948 लोग मौत के आगोश में समा चुके हैं। हाल-फिलहाल भारत में केरल में संक्रमण की रफ्तार बहुत तेज है। गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर ने हमारे देश में सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी।
ऐसे में कोरोना वायरस पर अध्ययन कर रही विशेषज्ञों ने एक नए और बेहद खतरनाक वेरिएंट के बारे में लोगों को आगाह किया है। शोधकर्ताओं ने पिछले दिनों अमेरिका में कोरोना के एक नए वेरिएंट आर।1 की पहचान की है। विशेषज्ञों की मानें तो भले ही हाल-फिलहाल कोरोना के इस नए वेरिएंट के मामले काफी कम हैं, लेकिन इससे बचकर रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों के मुताबिक जिस तरह से इस वेरिएंट की प्रकृति देखने को मिली है, उसके आधार पर यह काफी संक्रामक हो सकता है। कोरोना का नया वेरिएंट आर।1 कोई नया वेरिएंट नहीं है। पिछले साल जापान में इस वेरिएंट का पता चला था। अब यही वेरिएंट अन्य देशों में भी दस्तक दे रहा है। अब तक अमेरिका समेत लगभग 35 देशों में इससे संक्रमित हुए मरीज सामने आ चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में 10,000 से अधिक लोग इसके शिकार बने हैं।