काबुल। अफगानिस्तान में रूस के विशेष राष्ट्रपति प्रतिनिधि जमीर काबुलोव ने कहा है कि उत्तरी अफगानिस्तान में तालिबान समूह की मौजूदगी पश्चिम एशियाई देशों के लिए कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) के खतरे को समाप्त कर सकती है। काबुलोव ने मंगलवार को एक गोलमेज बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा , ‘‘ इन क्षेत्रों में कई अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन सक्रिय है , जिनमें आईएस पहले स्थान पर है।करीब 20 ऐसे छोटे आतंकवादी संगठन ऐसे भी हैं जो एक दूसरे का सहयोग करते हैं। इसलिए वे उत्तरी अफगानिस्तान में अराजक स्थिति का लाभ उठा सकते हैं और पड़ोसी देशों में स्थिरता को कमजोर करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा , ‘‘ तालिबान के आईएस के साथ बहुत खराब संबंध हैं और वह वर्षों में इस संगठन से सक्रिय रूप से लड़ रहा है। तालिबान की मौजूदगी पश्चिम एशियाई देशों के लिए कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) के खतरे को समाप्त कर सकती है।’’ काबुलोव ने यह भी कहा कि अल-कायदा आतंकवादी समूह के साथ तालिबान के संबंधों को लेकर अफगानिस्तान का दावा भी अधिकारियों द्वारा अपनी विफलताओं को छुपाने का उपक्रम है।