बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को सेना की असली कमान (नियंत्रक) बताया है। सेना से कहा कि अमेरिकी सेना को पछाड़ते हुए वह 2027 तक दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना बनने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखे। चिनफिंग ने यह बात सेना दिवस के मौके पर कही है। वह चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के चेयरमैन भी हैं।
अक्टूबर 2020 में आयोजित कम्युनिस्ट पार्टी के अधिवेशन में पार्टी महासचिव की हैसियत से चिनफिंग ने सेना के आधुनिकीकरण कार्यक्रम की घोषणा करते हुए उसके सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए 2027 की समयसीमा निर्धारित की थी। इस समयसीमा में चीनी सेना को अमेरिकी सेना की तरह अत्याधुनिक बनना होगा।
2027 चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की स्थापना का शताब्दी वर्ष होगा। चीन की भविष्य की आवश्यकता के लिए पीएलए का सर्वश्रेष्ठ होना जरूरी बताया गया है। शनिवार को कम्युनिस्ट पार्टी के राजनीतिक ब्यूरो को संबोधित करते हुए चिनफिंग ने कहा, 2027 में पीएलए को निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कड़ा परिश्रम करना होगा।
चिनफिंग ने साफ किया कि कम्युनिस्ट पार्टी ही पीएलए की सर्वोच्च कमान है। 2012 में राष्ट्रपति बनने के बाद चिनफिंग ने साफ कर दिया था कि पीएलए सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के निर्देशन में कार्य करेगी। चिनफिंग के इस तरह से जोर देने का मतलब साफ है कि चीन में सेना सरकार के अंतर्गत न होकर कम्युनिस्ट पार्टी के सीधे निर्देशन में कार्य कर रही है। वह कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों का क्रियान्वयन कर रही है।
चीन की 14 वीं पंचवर्षीय योजना में पीएलए को सर्वश्रेष्ठ बनने का लक्ष्य पूरा करना है। यह योजना 2021 से शुरू हो रही है, जो 2026 में पूरी होगी। आधुनिकीकरण की योजनाओं के लिए चालू वर्ष में 200 अरब डॉलर (करीब साढ़े सात लाख करोड़ रुपये) का रक्षा बजट रखा गया है। अमेरिका के बाद किसी देश का यह सबसे बड़ी धनराशि का वार्षिक रक्षा बजट है।