पेइचिंग समय के अनुसार, 24 जुलाई को रात 10 बजकर 50 मिनट पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से अमेरिका के फोर्ट डेट्रिक वायरस प्रयोगशाला की जांच करने की मांग के लिए चीनी नेटिजन्स ने एक करोड़ से अधिक हस्ताक्षर किए। एक करोड़ के करीब होते वक्त संयुक्त हस्ताक्षर वाले सर्वर पर अमेरिकी आईपी द्वारा हमला किया गया।
बता दें कि इस वर्ष जून की शुरूआत में कोरोना वायरस के स्रोत की खोज पर चिंतित चीनी नेटिजन्स ने विश्व स्वास्थ्य महासभा के दौरान एक खुला पत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने डब्ल्यूएचओ से ट्रैसेबिलिटी जांच के दूसरे चरण में फोर्ट डेट्रिक बायोलॉजिकल प्रयोगशाल को शामिल करने की इच्छा व्यक्त की।
चीनी नेटिजनों ने कहा कि उनके इस तरह के अनुरोध का कारण यह है कि डब्ल्यूएचओ के अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह इस साल की शुरुआत में वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए चीन के वुहान आए इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि वायरस वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से नहीं आ सकता है।
लेकिन अमेरिका अभी भी लगातार सच्चाई को मुंह मोड़ रहा है, उसने कहा कि कोरोना वायरस वुहान वायरस प्रयोगशाला से निकला है, यहां तक कि वह डब्ल्यूएचओ को कोरोना वायरस की ट्रेसबिलिटी के दूसरे चरण में वुहान वायरस संस्थान को शामिल करने के लिए मजबूर करना चाहता है।
हस्ताक्षर करने वाले चीनी नेटिजनों ने कहा कि यदि वायरस वास्तव में प्रयोगशाला से आया है, तो अमेरिका में फोर्ट डेट्रिक वह जगह है, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है, क्योंकि इस प्रयोगशाला में सार्स वायरस इबोला वायरस जैसे बेहद खतरनाक बैक्टीरिया न केवल बड़ी संख्या में मौजूद हैं, बल्कि यहां खतरनाक वायरस का प्रयोग भी किया जाता है।