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नेपाल में भंग प्रतिनिधि सभा के स्पीकर ने की नेताओं संग बैठक, फजीहत से बचने की मशक्कत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 12 2021 12:09AM | Updated Date: Jun 12 2021 12:10AM
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काठमांडू। नेपाल में संसद (प्रतिनिधि सभा) भंग हो जाने के बाद भी उससे जुड़ी गतिविधियां जारी हैं। राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच ही भंग प्रतिनिधि सभा के स्पीकर ने शुक्रवार को सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक की। यह बैठक देश को राजनीतिक संकट से निकालने के तरीकों पर विचार के लिए आयोजित की गई थी। स्पीकर अग्नि प्रसाद सपकोता ने इस बैठक में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को भी आमंत्रित किया था लेकिन वह नहीं आए।

इस बैठक में नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) के विद्रोही धड़े के नेता माधव कुमार नेपाल व झालानाथ खनाल, जनता समाजवादी पार्टी के उपेंद्र यादव और बाबूराम भट्टाराई समेत कई प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया। सपकोता इससे पहले कई पूर्व स्पीकरों और कानून के जानकारों से भी प्रतिनिधि सभा के भंग होने के विषय पर चर्चा कर चुके हैं।

प्रतिनिधि सभा को भंग करने की सिफारिश अल्पमत सरकार के प्रधानमंत्री की ओर से की गई थी। यही प्रधानमंत्री ओली 13 मई को प्रतिनिधि सभा में खुद विश्वास मत हार चुके थे और उन्होंने इस्तीफा दिया था। दोबारा प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद नियमानुसार सबसे पहले प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल करने की जगह ओली ने उसे भंग करने की सिफारिश कर डाली, जिसे राष्ट्रपति ने मान लिया।

इसके बाद चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद पिछले सप्ताह कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहते हुए ओली ने मंत्रिमंडल का विस्तार भी कर डाला। इस असंवैधानिक कदम की भी व्यापक निंदा हुई। नेपाल में फरवरी में सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति के संसद भंग करने के फैसले को पलट चुका है। माना जा रहा है कि अगर शीर्ष न्यायालय से फिर से ऐसा ही फैसला आया तो लोकतांत्रिक देश के रूप में नेपाल की बड़ी बदनामी होगी। 

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