वॉशिंगटन। अमेरिका में रह रहे अप्रवासियों के लिए एक खुशखबरी है। ये कानून उन बच्चों को नागरिकता देने में मदद करेगा, जिनके मां-बाप वैध तरीके से या H-1B प्रोग्राम के तहत अमेरिका आए हैं। इसके तहत पांच लाख से अधिक भारतीयों समेत लगभग एक करोड़ 10 लाख ऐसे आप्रवासियों को अमेरिका की नागरिकता प्रदान करने का रोडमैप तैयार किया, जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं। अमेरिकी संसद में एक ऐसा विधेयक पारित हुआ है, जिससे सीधे तौर पर अमेरिका में रहने वाले पांच लाख से अधिक भारतीयों को फायदा होगा। संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में ‘अमेरिकन ड्रीम एंड प्रॉमिस एक्ट’ नामक बिल पारित हुआ है, इसके अमल में आने के बाद बचपन से अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे प्रवासी लोगों के लिए नागरिकता हासिल करना आसान हो जाएगा। भारतीयों की बात करें, तो 5 लाख से अधिक भारतीय इससे लाभान्वित होंगे। राष्ट्रपति बाइडेन ने आगे कहा कि मैं इस विधेयक का समर्थन करता हूं और इस महत्वपूर्ण कानून को पारित करने के लिए प्रतिनिधि सभा की सराहना करता हूं।
उन्होंने कहा कि यह अस्थायी संरक्षित स्थिति (टीपीएस) धारकों, यहां रहने के इच्छा रखने वालों और बचपन में ही अमेरिका आए युवाओं को राहत प्रदान करेगा। पिछले साल नवंबर में बाइडेन कैंपेन द्वारा जारी किए गए एक नीति दस्तावेज के अनुसार, अमेरिका में लगभग 11 मिलियन अप्रवासी हैं, जिनमें भारत से 500,000 से अधिक शामिल हैं। वहीं, पांच डेमोक्रेट सीनेटरों ने राष्ट्रपति से डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कुछ गैर-आव्रजक वीजा पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग की है। इनमें एच-1बी वीजा भी शामिल है, जो भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच काफी लोकप्रिय है। अमेरिकी सीनेटरों का कहना है कि इस प्रतिबंध की वजह से अमेरिकी नियोक्ताओं, उनके विदेश में जन्मे पेशेवर कर्मचारियों और उनके परिजनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि जून, 2020 में ट्रंप ने घोषणा-10052 के जरिए एच-1बी, एल-1, एच-2बी और जे-1 वीजा की प्रक्रिया रोक दी थी।