वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बड़ा कदम उठाते हुए संसद में अमेरिकी नागरिकता विधेयक 2021 को पेश किया है। अगर ये कानून बनता है, तो इससे हजारों भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को फायदा होगा। इसके जरिए रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए किसी देश के प्रवासियों की संख्या सीमित करने पर पूर्व में लगाई गई रोक खत्म की जाएगी। कानून बनने के बाद एच-1बी वीजा धारकों के आश्रितों को भी काम करने की अनुमति मिलेगी। अमेरिका में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले हजारों भारतीयों को भी इसका फायदा होगा।
संसद के दोनों सदन प्रतिनिधि सभा और सीनेट में विधेयक के पारित हो जाने और राष्ट्रपति जो बाइडन के हस्ताक्षर के बाद कानून बनने से बिना दस्तावेज के रह रहे और वैध तरीके से देश आए लाखों लोगों को नागरिकता मिलने रास्ता बनेगा। सीनेटर बॉब मेनेंडेज और प्रतिनिधि सभा की सदस्य लिंडा सांचेज ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी नागरिकता कानून 2021 में आव्रजन सुधार का प्रावधान किया गया है। इस महत्वपूर्ण कदम के तहत ग्रीन कार्ड के लिए 10 साल से ज्यादा समय से इंतजार कर रहे पेशेवरों को वैध रूप से स्थायी तौर पर रहने की मंजूरी भी मिल जाएगी।
इस कानून के बनने से सबसे ज्यादा फायदा भारतीयों को होगा। बाइडन ने 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद इस विधेयक को संसद के लिए भेज दिया था। इसके तहत रोजगार आधारित लंबित वीजा को मंजूरी दी जाएगी। प्रत्येक देश पर वीजा के लिए लगाई गई सीमा भी खत्म की जाएगी और प्रतीक्षा समय को घटाया जाएगा। इस विधेयक में ऐसे करीब 11 मिलियन अप्रवासियों को भी नागरिकता देने की बात कही गई है, जो अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे हैं। इनके लिए 8 साल की समय सीमा तय की गई है। इनमें वो लोग भी शामिल होंगे, जो शरणार्थी हैं और अमेरिका में रह रहे हैं।
विधेयक में अमेरिकी विश्वविद्यालयों से 'एसटीईएम' विषय के डिग्री धारकों के अमेरिका में रहने का रास्ता भी आसान बनाने का प्रावधान किया गया है। उल्लेखनीय है कि एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) विषयों में डिग्री के लिए अमेरिकी विश्वविद्यालयों में सबसे ज्यादा छात्र भारत के ही हैं। दोनों सदनों में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है। हालांकि, ऊपरी सदन में विधेयक को पारित कराने के लिए पार्टी को 10 रिपब्लिकन सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व और व्हाइट हाउस ने उम्मीद जतायी है कि उन्हें अमेरिका में रह रहे लाखों गैर नागरिकों के हित के लिए आवश्यक समर्थन मिलेगा।