लंदन। एक बहुत पुरानी कहावत है, विज्ञान वरदान भी है और अभिशाप भी। आप सबने भी सुनी होगी, स्कूल में शायद इस पर निबंध भी लिखा हो। ऐसा ही कुछ मामला तकनीक का भी है, तकनीक का भी इस्तेमाल अगर सही ढंग से किया जाए तो वरदान और अगर गलत हाथों में गलत तरीके से हो तो अभिशाप। शॉर्ट वीडियो बनाने वाले कंपनी टिकटॉक याद होगी आपको, कुछ समय पहले तक भारत में बैन होने से पहले लगभग सभी युवाओं के फोन में टिकटॉक का ऐप होता था। फिर अश्लील कंटेंट और डेटा चोरी की हायतौबा के बाद इसे भारत सरकार ने बैन कर दिया। भारत में ट्विटर का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर मनोरंजन और कला के लिए किया गया।
लेकिन दुनिया के कई देशों यह नई नई जानकारी और अन्य उपयोगी उद्देश्यों के लिए भी इस्तेमाल हो रहा है। उदाहरण के लिए इंग्लैंड में रहने वाली 22 साल की केटी क्लेडन के लिए टिकटॉक वरदान साबित हुआ। दरअसल टिकटॉक का वीडियो देखकर ही उन्हें पता लगा कि वह ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं। दरअसल केटी ने टिकटॉक पर एक वीडियो देखा जिसमें ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जानकारी दी गयी थी। उन्होंने महसूस किया कि उनके ब्रेस्ट में कोई गांठ जैसी चीज है। इसके बाद उन्होंने डॉक्टरी सलाह लेने का मन बनाया। साउथ यॉर्कशायर के बार्न्सले अस्पताल में एक कम्युनिकेशन असिस्टेंट केटी ने जब डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है। इस घटना को लेकर केटी कहती हैं कि जब मैंने वीडियो देखा और अपनी गांठ महसूस की तो मुझे नहीं लगा था कि यह कैंसर होगा।
इसलिए मुझे इसे लेकर ज्यादा चिंता नहीं थी। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी कि मेरी उम्र की महिलाओं को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। वहीं केटी का इलाज करने वाले अस्पताल का भी कहना है कि इस उम्र ब्रेस्ट कैंसर होना बेहद हैरान करने वाला है। केटी के परिवार उन्हें लेकर बेहद चिंतित है और खासकर उनकी मां। केटी बताती हैं कि मुझे अपनी जांच रिपोर्ट्स मोबाइल पर मिलीं, मैं उस वक्त घर में मेरी मां और बहन थीं। ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी होने का बाद परिवार भावुक हो गया। उन्होंने कहा कि हालांकि मैं इसके लिए पहले से तैयार थी। केटी अपने इलाज को लेकर बेहद आशान्वित हैं। केटी का कहना है कि उन्हें कीमोथैरिपी करवानी होगी। केटी फिलहाल वर्क फ्रॉम होम कर रही हैं। इसके साथ ही अब वे कैंसर को लेकर कम उम्र की लड़कियों को जागरुक करने का काम भी कर रही हैं।