बीजिंग। कोविड-19 के उत्पत्ति स्थल की जांच कर रहे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों ने रविवार को वुहान के हुनान सीफूड मार्केट का दौरा किया। माना जाता है कि 2019 के अंत में वुहान से ही सबसे पहले कोरोना वायरस का प्रसार पशु से इंसान में हुआ था जिसने बाद में महामारी का रूप ले लिया। इस मांस बाजार के बंद होने से पहले इसमें अलग अलग तरह के जीवित पशुओं का व्यापार होता था। इस बात की आशंका है कि यहीं से कोरोना वायरस ने चमगादड़ या पैंगोलिंस से इंसानों में प्रवेश कर गया।
अमेरिकी इको हेल्थ अलांयस समूह में प्राणी शास्त्री और डब्ल्यूएचओ की टीम के सदस्य पीटर डेसजाक ने कहा कि आज बहुत अहम स्थलों का दौरा किया। पहले थोक बाजार गए और फिर हुनान सीफूड मार्केट पहुंचे। कोविड के महामारी विज्ञान को समझने के लिए संयुक्त टीम के लिए यह बहुत सूचनापरक और अहम रहा, क्योंकि यह 2019 के अंत में फैलना शुरू हो गया था।
सीबीएस न्यूज नेटवर्क ने डेसज़ाक के हवाले से कहा कि वुहान में दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस सामने आने के बाद बाजार को बंद कर दिया गया था और साफ किया गया था। फिर भी यह यात्रा अहम है क्योंकि इससे सामान और लोगों के बारे में जानकारी मिल सकती है। यह दौरा कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ और इस बाजार को वायरस का स्रोत माना जाता है। हालांकि चीन की सरकारी मीडिया ने हाल के महीनों में इन दावों पर सवाल उठाए हैं।
चीन ने काफी देरी और विवादों के बाद डब्ल्यूएचओ की अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की 14 सदस्य टीम को वुहान में वायरस की उत्पत्ति का अध्ययन करने की इजाजत दी है। हालांकि उसने दावा किया कि वायरस दुनिया के अलग अलग हिस्सों से निकला है जबकि सबसे पहले उसने इसे रिपोर्ट किया है। हुनान सीफूड मार्केट को सील कर दिया गया था, फिर भी विशेषज्ञों का मानना है कि वहां पर काफी कुछ देखने और अनुभव करने के लिए है।
डब्ल्यूएचओ की टीम की अगुवाई कर रहे पीटर बेन एम्ब्रेक ने सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' से कहा कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि वे उन स्थानों को देख सकें जहां से कोरोना वायरस के मामले जुड़े हैं। साथ में शुरुआती घटनाओं की फिर से रचना कर सकें तथा पशुओं व व्यापार के उत्पादों के रिकॉर्ड तलाश कर सकें। हुनान सीफूड मार्केट के दौरे के बाद यह देखना होगा कि क्या अंतरराष्ट्रीय टीम को विवादित वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान जाने की इजाजत दी जाएगी या नहीं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया था कि इस संस्थान से कोरोना वायरस निकला है। ट्रंप ने चीन से जांच को इजाजत देने की मांग की थी जिसे बीजिंग ने ठुकरा दिया था।