न्यूयॉर्क। भारत ने पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को आतंकवाद के खिलाफ 'झूठ का डोजियर' पेश करने को हास्यास्पद करार देते हुए कहा है कि वह एबटाबाद को याद रखे जहां उसने अल-कायदा के सरगना ओसामा-बिन लादेन को छिपाया था। पाकिस्तान ने भारत पर पाकिस्तानी सरजमीं में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव को एक दस्तावेज पेश किया था।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के समक्ष पाकिस्तान की ओर से पेश दस्तावेज पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया,‘‘ पड़ोसी देश एबटाबाद को याद रखे जहां उसने अल-कायदा प्रमुख को शरण दी थी। तिरुमूर्ति ने कहा कि पाकिस्तान ने जो दस्तावेज पेश किये हैं वह झूठ का पुलिंदा है और उसने कोई पहली बार ऐसे आरोप नहीं लगाये हैं। सच तो यह है कि पाकिस्तान आतंकवादियों के पनपने और पोषित होने का विश्व का सबसे बड़ा गढ़ है। उसने जिन आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों को अपने यहां शरण दी है उसे संयुक्त राष्ट्र की ओर से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया है।
तिरुमूर्ति ने डेटन समझौते की रजत जयंती के अवसर पर यह बात कही। 14 दिसंबर 1995 को बोस्रिया, सर्बिया और क्रोएशिया के नेताओं ने पेरिस में डेटन संधि पर दस्तखत कर साढ़े तीन साल से जारी बाल्कन युद्ध को समाप्त किया था।समझौते के तहत बोस्रिया को एक राज्य बनाए रखा गया था लेकिन इसे दो हिस्से में बांट दिया गया था।
मुस्लिम और क्रोएशियाई आबादी वाला पहला हिस्सा देश के 51 फीसदी भूभाग का प्रतिनिधित्व करता था जबकि सर्ब गणराज्य के पास बाकी का 49 फीसदी भूभाग था। सर्बिया के नेता स्लोबोदोन मिलोसेविच, क्रोएशिया के फ्Þरांजो तुजमैन और बोस्रिया के इलिजा इजेत्बिगोविक ने यूरोपीय राज्याध्यक्षों और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों की मौजूदगी में इस समझौते पर हस्ताक्षर किये थे।