वाशिंगटन। अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर मिलर ने अफगानिस्तान और इराक में अगले साल 15 जनवरी तक अपने सैनिकों की संख्या 2500-2500 तक करने की घोषणा की है। मिलर ने मंगलवार को पेंटागन में संवाददाताओं के प्रश्नों के उत्तर में इस आशय की घोषणा की। यह घोषणा अफगानिस्तान और इराक में युद्ध को ‘एक सफल और जवाबदेह अंजाम तक पहुंचाने और अपने सैनिकों को देश वापस लाने’ के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अभियान दल के वादे के अनुरूप है।
नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इसका विरोध किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ट्रंप ने अपने शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के परामर्श से यह निर्णय लिया और यह नीति में बदलाव के लिए नहीं है। अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या को कम करने के बारे में घोषणा की गई थी, हालांकि कई लोगों ने इस कदम की बुद्धिमत्ता पर सवाल उठाए हैं।
नाटो के महासचिव जेन स्टोलटेनबर्ग ने मंगलवार को ट्रंप प्रशासन की अफगानिस्तान में अपनी उपस्थिति को कम करने की योजना पर हालिया रिपोर्टों का जिक्र करते हुए कहा,‘‘बहुत जल्द या किसी अनधिकृत तरीके से छोड़ने की कीमत बहुत अधिक भी हो सकती है।’’ अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि अफगान नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी फोर्सेज अंतरराष्ट्रीय बलों की वापसी की स्थिति में देश की रक्षा करने में सक्षम हैं। कई अफगान विशेषज्ञों ने हालांकि कहा है कि वापसी को जिम्मेदाराना तरीके से किया जाना चाहिए। ईरान, पाकिस्तान और रूस सहित क्षेत्र के देशों ने भी अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी पर जोर दिया है।