नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने करतारपुर गुरुद्वारा का प्रबंधन एवं देखरेख एक गैर सिख संस्था को सौंपे जाने के मामले में पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को शुक्रवार को तलब करके भारत की ओर से कड़ा विरोध व्यक्त किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां नियमित ब्रींिफग में कहा, ‘‘पाकिस्तान का यह एकतरफा कदम ंिनदनीय है। यह समस्त सिख समुदाय और उनके लिए करतारपुर साहिब कॉरीडोर खोले जाने की भावना के विरुद्ध है। ऐसे कदम पाकिस्तानी सरकार और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों एवं कल्याण के लंबे चौड़े दावों की असलियत उजागर करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि भारत सरकार को सिख समुदाय की ओर से अनेक ज्ञापन मिले हैं जिनमें पाकिस्तान सरकार के इस कदम पर रोष व्यक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी उच्चायोग के प्रभारी से कहा गया है कि गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंध संबंधी मामलों का प्रबंध करने का अधिकार सिख समुदाय का है। पाकिस्तान सरकार को सिख समुदाय के अधिकारों के हनन करने वाले मनमाने फैसले को वापस लेना चाहिए।
रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का प्रबंधन एवं देखरेख का काम अल्पसंख्यक सिख समुदाय की संस्था पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से लेकर एक गैर सिख संस्था इवेक्वी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के हाथों दिया जा रहा है। एक अन्य सवाल पर उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार ने बंगलादेश में हाल में ही अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय पर बहुसंख्यक समुदाय के हमले की घटना को गंभीरता से लिया है और इसे बंगलादेश सरकार के समक्ष उठाया है और कहा है कि बंगलादेश की सुरक्षा एजेंसियां ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सजगता और गंभीरता से काम करें।