सोल। दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति ली म्युंग बक को देश की सुप्रीम अदालत के आदेश के बाद सोमवार को एक बार फिर जेल भेज दिया गया। योनहाप संवाद एजेंसी ने यह जानकारी दी। देश के उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति की अपील को खारिज करते हुए उन्हें 17 वर्ष जेल की सजा सुनाई थी तथा उन पर तकरीबन एक करोड़ 90 लाख डॉलर का जुर्माना और पचास लाख डॉलर से अधिक की संपत्ति जब्त करने का निर्देश भी दिया। पूर्व राष्ट्रपति को भ्रष्टाचार के मामले में यह सजा सुनाई गई हैं। एजेंसी के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति को सोल डोंगबू डिटेंशन सेंटर में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उन्होंने पहले अपनी सजा सुनाई थी। उन्हें एक बार फिर एकांत कारावास की सजा दी जा सकती है। उन्हें हालांकि अब 16 वर्ष जेल में काटने होंगे क्योंकि वह पहले ही एक साल जेल में काट चुके हैं।
न्याय मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति अपनी उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति के कारण एक उचित जेल में भेजे जाने के बजाय निरोध केंद्र में अपनी सजा काट सकते हैं। ली वर्ष 2008 से लेकर 2013 तक दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति रहे और वर्ष 2018 में उन्हें अपनी कंपनी डीएएस के कॉर्पोरेट फंडों का गबन करने और ऑटो पार्ट्स बनाने, साथ ही सैमसंग जैसी कंपनियों से रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाया गया था।
पूर्व राष्ट्रपति को मूल रूप से 15 साल की सजा सुनाई गई थी लेकिन बाद में स्वास्थ्य संबंधी कारणों के कारण उन्हें जमानत दे दी गई थी। इस साल फरवरी में न्यायालय ने उनकी जमानत अपील को रद्द करते हुए सजा को बढ़ाकर 17 साल कर दिया था और फिर जेल में डाल दिया गया। श्री ली ने इसके बाद फैसले को चुनौती दी थी और सर्वोच्च अदालत द्वारा फैसला नहीं आने तक छह दिन बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। अब हालांकि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आ गया है और उन्हें के बार फिर जेल भेज दिया गया है।