नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्च्युअल कंट्रोल (एलएसी) पर हालात तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। चीन के हेलिकॉप्टरों की गतिविधि को देखते हुए भारतीय सेना ने यहां छोटे एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किए हैं। इनको कंधे पर रखकर भारतीय एयर स्पेस में घुसने वाले चीनी एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टरों को निशाना बनाया जा सकेगा। खबरों के अनुसार एलएसी के पास ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सैनिकों को रूस के इग्ला एयर डिफेंस सिस्टम के साथ तैनात किया गया है। अगर किसी एयरक्राफ्ट ने भारतीय एयरस्पेस में दाखिल होने की गुस्ताखी की तो उसे तुरंत मार गिराया जाएगा। रूस के इस एयर डिफेंस सिस्टम का उपयोग सेना और एयरफोर्स दोनों करती हैं।
भारत ने कर रखी है पूरी तैयारी
चीन की एयर एक्टिविटी पर नजर रखने के लिए भारत ने रडार और सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम तक की तैनाती की है। दोनों देशों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली और पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 में चीनी चॉपर्स की एक्टिविटी देखी थी। ये चॉपर भारतीय क्षेत्र में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे। मई के पहले हफ्ते में चीन को जवाब देने के लिए एयरफोर्स ने यहां सुखोई फाइटर जेट्स भी तैनात कर दिए थे।
चीन के सात एयरबेस पर भारत की है नजर
सूत्रों के मुताबिक, चीन के 7 एयरबेस होतान, गारगुंसा, काशगर, हॉपिंग, धोनका जॉन्ग, लिंझी और पैनगैट पर भारतीय एजेंसियां करीब से नजर रख रही हैं। नॉर्थ-ईस्ट के दूसरी ओर स्थित लिंझी एयरबेस मुख्य तौर पर एक हेलिकॉप्टर एयर बेस है। यहां पर पीएलएएएफ ने हेलिपैड का नेटवर्क डेवलप किया है ताकि इस इलाके में निगारनी के आॅपरेशन को बढ़ाया जा सके। ये सभी एयरबेस हाल ही के दिनों में काफी एक्टिव हैं।