ब्रिस्टल की एक नीलामी एजेंसी ने महात्मा गांधी का चश्मा 2.55 करोड़ रुपये में नीलाम किया है। इसे अमरीका के एक कलेक्टर ने ख़रीदा है। नीलामी एजेंसी ईस्ट ब्रिस्टल ऑक्शन्स का कहना है कि उनको 3 अगस्त को यह चश्मा एक सादे लिफ़ाफ़े में मिला था जहां किसी व्यक्ति ने उसे रख छोड़ा था। एजेंसी के एंड्र्यू स्टो ने तब कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि यह 14 लाख रुपये से अधिक क़ीमत में बिकेगा जो कंपनी के इतिहास में सबसे अहम नीलामी होगी। इस चश्मे के मालिक ब्रिस्टल के मैनगॉट्सफील्ड के बुज़ुर्ग का कहना है कि नीलामी से मिले पैसे को वो अपनी बेटी के साथ बाँटेंगे। कहा जाता है कि गांधी को ये चश्मा उनके चाचा ने उस वक्त दिया था जब वो दक्षिण अफ्रीका में काम कर रहे थे. ये 1910 से 1930 के बीच का दौर था।
बीबीसी संवाददाता गगन सभरवाल के अनुसार चश्मे की नीलामी करने वाले ईस्ट ब्रिस्टल ऑक्शन्स के एंन्ड्रयू स्टो ने कहा, "लगभग पचास साल तक ये चश्मा ऐसे ही अलमारी में बंद रहा है।इसे नीलाम करने वाले ने एक वक्त मुझसे कहा कि वो इसे फेंकना चाहते हैं क्योंकि इससे उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा है। अब उन्हें इसके लिए इतनी बड़ी रकम मिली है जो उनकी ज़िंदगी बदल देगी।" "चश्मे के मालिक बुज़ुर्ग व्यक्ति के लिए ये नीलामी उनके लिए अच्छी बात है क्योंकि शायद वो हाल में मुश्किल दौर से गुज़रे हैं और इस राशि से उन्हें काफ़ी मदद होगी।" "हमें खुशी है कि गांधी के चश्मे को एक नया ठिकाना मिला और इस काम में हम मददगार हुए. ये नीलामी हमारे लिए एक नया रिकॉर्ड तो है ही बल्कि ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण भी है।"