नई दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए किये गये उपायों से आर्थिक गतिविधियों को नुकसान होने और निर्यात मांग कमजोर पड़ने की आशंका जताते हुये आज कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था चार प्रतिशत संकुचित होने का अनुमान है। इस वित्तीय संगठन ने अपनी रिपोर्ट एशियाई विकास परिदृश्य में कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है और ‘विकासशील एशिया' का हिस्सा रहे देश वर्ष 2020 में ‘बड़ी मुश्किल से वृद्धि' कर पाएंगे।
‘विकासशील एशिया' का आशय एडीबी के 40 से अधिक सदस्य देशों के समूह से है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हांगकांग, कोरिया गणराज्य, सिंगापुर और ताइपेई जैसी नई औद्योगिक अर्थव्यवस्था को छोड़कर ‘विकासशील एशिया' के चालू वर्ष में 0.4 प्रतिशत की दर से और 2021 में 6.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान है। कोविड -19 ने दक्षिण एशिया को बुरी तरह प्रभावित किया है। वर्ष 2020 में इसके तीन प्रतिशत संकुचित होने का अनुमान है जबकि अप्रैल में इस क्षेत्र में 4.1 प्रतिशत संकुचन का अनुमान था।
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था के 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में चार प्रतिशत संकुचित होने का अनुमान है. जबकि 2021-22 में देश की अर्थव्यवस्था के पांच प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की संभावना है। एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं पर इस साल कोविड -19 का असर बना रहेगा।
लॉकडाउन में धीरे-धीरे राहत दिये जाने और चुनिंदा कारोबारी गतिविधियों को नए हालातों में दोबारा शुरू किये जाने से अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार की उम्मीद की जा रही है। एडीबी ने 2021 के लिए दक्षिण एशिया वृद्धि के अनुमान को 6 प्रतिशत से घटाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया है।