अलवर। गुरु साहब की कृपाण अगर नहीं होती तो खुद की जान नहीं बचती और कई गुना अधिक चीनी सैनिकों को काबू में नहीं किया जा सकता था। लद्दाख में चीनी सैनिकों से संघर्ष में घायल सैनिक सुरेंद्र सिंह की पत्नी गुरुप्रीत कौर ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि गुरुसाहब की कृपाण से न केवल उनके पति की जान बची बल्कि कुछ चीनी सैनिकों को हताहत किया। कृपाण की मदद से उन्होंने चीनी सैनिकों को दूर रखा। कौर ने कल पति से बातचीत की और आज बाद पत्रकारों से यह बात कही।
अलवर के सूर्यनगर की नई बस्ती में रह रही सुरेंद्र सिंह की पत्नी ने बताया कि चीनी सैनिकों द्वारा किये गए हमले में उनके पति घायल हो गए। घायल घायल सैनिक सुरेंद्र की पत्नी गुरप्रीत कौर अपने चार बच्चे जिनमे 3 बेटियां शरणदीप कौर, मनदीप कौर, परबजोत और एक बेटे मनमीत सिंह के साथ अलवर में रहती हैं जबकि पिता बलवंत सिंह, माता प्रकाश कौर गांव में रहते हैं। सुरेंद्र सिंह जनवरी में 20 दिन की छुट्टी पर आए थे। 31 जनवरी को वापस ड्यूटी पर गए थे। आर्टिलरी थ्री मीडियम में हवलदार के पद पर लेह में तैनात हैं। उन्हें 22 साल नौकरी करते हुए हो गए हैं। लेह में उनकी बटालियन तैनात है, लेकिन अभी तनाव के चलते उनको आगे शिफ्ट किया था जहाँ यह घटना हुई है।
घायल सैनिक की पत्नी गुरप्रीत कोर ने बताया कि उनकी सुरेंद्र से बात हुई है तो उन्होंने बताया कि फिलहाल फोन पर ज्यादा बात नही होती है, लेकिन उन्होंने बताया है कि वह ठीक हैं। फिलहाल वह सीमा से बहुत पीछे हैं। उन्होंने बताया कि चाइना वालों से उनका आमना सामना हो रहा है। हम बहुत पीछे हैं। श्री सुरेंद्र ने अपनी पत्नी को बताया कि वे लोग बातचीत करने निहत्थे गए थे। उनके पास कोई हथियार नही थें, लेकिन गुरु साहब की कृपाण (कटार) उसके पास मौजूद थी। इसलिए जब संघर्ष हुआ उसने खुद चीनी सैनिकों का कृपाण से मुकाबला किया और कई भारतीय सैनिकों को चीनी सैनिकों पर हमला करके बचाया। कुछ सैनिकों को उन्होंने घायल कर दिया था और कृपाण की वजह से ही उनकी जान बची है अन्यथा वे उसे भी मार देते।