द हेग। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने अपने अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी फैसले की आलोचना करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण और न्यायिक संस्थान पर हमला करार दिया है। आईसीसी ने गुरुवार देर रात एक वक्तव्य जारी कर अमेरिका के इस फैसले की आलोचना की। आईसीसी ने वक्तव्य में कहा, ‘‘आईसीसी अपने अधिकारियों के खिलाफ वित्तीय और अन्य प्रकार के प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी सरकार के निर्णय पर गहरा खेद व्यक्त करता है।’’ अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद न्यायालय पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपनी गतिविधियों को जारी रखने का संकल्प लेता है।
आईसीसी ने वक्तव्य में कहा, ‘‘आईसीसी अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ पूरी दृढ़ता के साथ खड़ा है तथा रोम अधिनियम के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर अफगानिस्तान में कथित रूप से युद्ध अपराधों में शामिल अमेरिकी सैनिकों और अन्य लोगों के कृत्यों की जांच कर रहे आईसीसी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। व्हाइट हाउस ने गुरुवार को इस फैसले की जानकारी दी थी। आईसीसी की असेंबली ऑफ स्टेट पार्टीज के अध्यक्ष ओ-गोन क्वोन ने अमेरिकी प्रतिबंधों को अप्रत्याशित कदम बताया है।
क्वोन ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘ मैं अगले सप्ताह ब्यूरो ऑफ असेंबली की एक बैठक आयोजित करूंगा जिसमें न्यायालय के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को कैसे बरकरार रखा जाए, इस पर चर्चा होगी।’’ आईसीसी ने अफगानिस्तान में कथित रूप से युद्ध अपराधों में शामिल अमेरिकी सैनिकों और अन्य लोगों के कृत्यों की जांच को मार्च में अपनी स्वीकृति दी थी। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आईसीसी के इस फैसले को जल्दबाजी में लिया गया निर्णय बताते हुए अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा का वादा किया था। पोम्पियो ने आईसीसी को एक गैर-जिम्मेदार संस्थान करार दिया था।