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कोरोना से स्‍वस्‍थ हुए व्‍यक्तियों पर स्ट्रोक का बड़ा खतरा, रिसर्च में हुआ खुलासा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 9 2020 12:18AM | Updated Date: Jun 9 2020 12:19AM
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नई दिल्‍ली,आइएएनएस। पूरी दुनिया कोरोना महामारी को लेकर परेशान है एक और स्‍वस्‍थ हुए युवाओं पर स्ट्रोक का खतरा सामने आ रहा है एक रिसर्च में हुआ खुलासा हुआ है कि स्‍वस्थ युवाओं में कोरोना वायरस के कारण स्ट्रोक का बड़ा खतरा पैदा हो गया है। अमेरिका स्थित थॉमस जेफरसन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की रिसर्च में सामने आया है कि 30 से 40 साल की उम्र के संक्रमित मरीजों को इतने गंभीर स्ट्रोक आ रहे हैं जो आमतौर पर उम्रदराज मरीजों में देखे जाते हैं।
 
खास बात यह है कि संक्रमित होने से पहले इन युवाओं में स्ट्रोक के कोई लक्षण नहीं थे। अध्ययनकर्ताओं ने 20 मार्च से 10 अप्रैल के बीच ऐसे 14 संक्रमित मरीजों पर अध्ययन किया जिनमें स्ट्रोक के लक्षण पैदा हो गए थे। ये सभी 50 साल से कम उम्र के मरीज थे जिनमें 8 पुरुष और 6 महिला शामिल थीं। सभी 14 मरीजों में से 50 प्रतिशत को यह जानकारी नहीं थी कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। ये मरीज अलग-अलग बीमारियों के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराए गए जहां उन्हें स्ट्रोक आ गया। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि आमतौर पर होने वाले स्ट्रोक की तुलना में इन मरीजों को आए स्ट्रोक अलग तीव्रता के थे।
 
ऐसे स्ट्रोक का असर मस्तिष्क के दोनों गोलार्द्ध पर पड़ा, जिस कारण इन मरीजों की जान के लिए खतरा बढ़ गया। मुख्य अध्ययनकर्ता एंडोवास्कुलर सर्जरी विशेषज्ञ पास्कल जबबोर का कहना है कि हम 30, 40 और 50 साल आयुवर्ग वाले मरीजों में स्ट्रोक का खतरा बहुत बड़े पैमाने पर देख रहे हैं। आमतौर पर ऐसे स्ट्रोक 70 से 80 साल के उम्रदराज मरीजों में देखे गए हैं। बिना लक्षण वाले कोरोना वायरस के मरीजों में रक्त का थक्का (क्लॉट) बनने लगता है जो स्ट्रोक होने का प्रमुख कारण है।
 
अध्ययन में यह भी पाया गया कि मरीज संक्रमण के डर से समय पर अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं जिससे उनके मृत्यु का खतरा बढ़ रहा है। कोविड-19 से संक्रमित स्ट्रोक के मरीजों में मौत की संभावना 42.8 प्रतिशत है। जबकि स्ट्रोक से आमतौर पर 5 से 10 प्रतिशत मरीजों की मौत होती है। अध्ययन में पाया गया कि स्ट्रोक के मरीजों में 31.5 प्रतिशत मरीजों को कोरोना वायरस है। 
 
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