मुंबई। कोरोना वायरस की मार से बेहाल आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने अब खुद ही मरीजों का इलाज करने का फैसला किया है। राजनीति में आने से पहले भारतीय मूल के लियो डॉक्टर थे। ऐसे में वराडकर ने खुद को फिर से चिकित्सक के रूप में रजिस्टर कराया है। वे सप्ताह में एक दिन बतौर डॉक्टर काम करेंगे। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि वराडकर के परिवार के कई लोग और दोस्त स्वास्थ्य सेवा में काम कर रहे हैं। उनके पार्टनर मैथ्यू बारेट सर्जन हैं। वे डबलिन के अस्पताल में काम करते हैं. उनकी दोनों बहनें और उनके पति भी स्वास्थ्य सेवाओं में हैं। ऐसे में पीएम भी मदद करना चाहते हैं। लियो कोरोना पॉजिटिव लोगों से भी संपर्क करेंगे। लेकिन इस तरह के मरीजों को वे फोन से सलाह-मशविरा देंगे।
लियो वराडकर के पिता महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। वराडकर ने सात साल तक डॉक्टर के रूप में काम किया। वे डबलिन के सेंट जेम्स अस्पताल और कोनोली अस्पताल में काम करते थे। लेकिन राजनीति में आने के बाद उन्होंने यह काम छोड़ दिया था। साल 2013 में उन्हें मेडिकल रजिस्टर से हटा दिया गया था। बता दें कि लियो वराडकर भारतीय मूल के हैं। उनका पैतृक गांव महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में है. इसका नाम वराड है। लियो के पिता अशोक वराड 60 के दशक में यूके चले गए थे। लियो 2017 में आयरलैंड के प्रधानमंत्री बने थे। वे 38 साल की उम्र में पीएम बने थे। वहां के सबसे कम उम्र के पीएम।
आयरलैंड में कोरोना के 5000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इसके चलते 158 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले महीने यानी मार्च में आयरलैंड सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भर्ती शुरू की थी। इसके लिए सरकार ने लोगों से कहा था, ‘देश को आपकी जरूरत है। इसके बाद सरकार के पास 70 हजार से ज्यादा रेस्पॉन्स आए थे।