मुंबई। कोरोना वायरस को लेकर संयुक्त राष्ट्र (UN) ने एक बड़ा बयान दिया है। UN की ताजा ट्रेड रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को कई ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है, लेकिन इस आर्थिक तबाही के बाद भी चीन और भारत जैसे देश इसमें अपवाद साबित होंगे।
संयुक्त राष्ट्र की संस्था युनाइटेड नेशन ट्रेड एंड डेवलेपमेंट बॉडी (यूएनसीटीएडी) के सेक्रेट्री जनरल के मुताबिक, कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई आर्थिक गिरावट जारी है। आने वाले दिनों में और तेजी से बढ़ेगी, जिसका अनुमान लगाना मुश्किल है।
यूएनसीटीएडी ने मौजूदा हालात को देखते हुए अनुमान लगाया है कि दुनिया के गरीब और विकासशील देशों को आर्थिक मंदी से उबरने के लिए लगभग 2-3 ट्रिलियन डॉलर की जरूरत पड़ेगी। संस्था ने ये भी कहा है कि विकासशील देशों को हालात सामान्य करने में लगभग 2 साल तक का वक्त लग सकता है।
जी-20 देशों के अनुसार, उन्होंने अपनी अर्थव्यवस्थाओं के लिए करीब 375 लाख करोड़ रुपये (5 लाख करोड़ डॉलर) के राहत पैकेज की घोषणा की है। यूएनसीटीएडी ने कहा, ‘यह एक बड़े संकट में उठाया गया एक अभूतपूर्व कदम है, इससे इस संकट से आर्थिक रूप और मानसिक रूप से निपटने में मदद मिलेगी।
विश्लेषण के अनुसार, कमोडिटी-रिच एक्सपोर्टिंग कंट्रीज़ (कच्चा तेल और एग्री प्रोडक्ट समेत कई और चीजों का एक्सपोर्ट करने वाले देश) को अगले दो साल में विदेशों से होने वाले निवेश में दो से तीन ट्रिलियन डॉलर की गिरावट का सामना करना पड़ेगा।