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निवेशकों ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं से निकाले 83 अरब डॉलर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 24 2020 12:50PM | Updated Date: Mar 24 2020 12:50PM
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वाशिंगटन। कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ की शुरुआत से अब तक निवेशकों ने उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों से, जिनमें भारत भी शामिल है, 83 अरब डॉलर निकाले हैं जिससे इन देशों पर विकसित देशों की अपेक्षा अधिक दबाव है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालीना जॉर्जीवा ने जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के प्रमुखों के साथ सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये बैठक के बाद जारी बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी रहेगी यानी विकास दर ऋणात्मक रहेगी। मंदी कम से कम वैश्विक वित्तीय संकट जितनी या उससे भी बड़ी हो सकती है। 

जॉर्जीवा ने कहा, ‘‘विकसित देश इस संकट से निपटने के लिए ज्यादा साधन संपन्न हैं, लेकिन उभरती हुई अर्थव्यवस्था और कम आये वाले बहुत से देशों के सामने बड़ी चुनौती पैदा हो गयी है। इन देशों से पूँजी निकासी के कारण उन पर बुरा प्रभाव पड़ा है और घरेलू गतिविधियाँ गंभीर रूप से प्रभावित होंगी। इस संकट के शुरुआत से अब तक निवेशकों ने उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों से 83 अरब डॉलर निकाले हैं। यह किसी भी कालखंड में की गयी सबसे बड़ी पूँजी निकासी है।’’ 

उन्होंने कहा कि आईएमएफ को कम आय वाले देशों की विशेष चिंता है। उन्हें ऋण उपलब्ध कराने के बारे आईएमएफ विश्व बैंक के साथ मिलकर काम कर रहा है। आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि इस वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी तय है, लेकिन वर्ष 2021 में सुधार की उम्मीद है। अगले साल सुधार के लिए यह जरूरी है कि ‘कोविड-19’ के संक्रमण को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जाये। जॉर्जीवा ने बताया कि अब तक लगभग 80 देश आईएमएफ से मदद की गुहार लगा चुके हैं। दूसरे अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर उन्हें आपात ऋण उपलब्ध कराने के लिए काम किया जा रहा है। फिलहाल संगठन के पास 10 खरब डॉलर की राशि उपलब्ध है। 

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