स्नान करने का भी हमारे जीवन का बहुत प्रभाव पड़ता है। हमारे नहाने का तरीका भी घर में क्लेश का कारण हो सकता है। पुराने ज़माने में लोग ब्रहा मुहुर्त यानि सूरज निकलने से पहले ही स्नान करते थे। खासकर जो घर की स्त्री होती थी। चाहे वो माँ के रूप में हो, पत्नी के रूप में हो, बहिन के रूप में हो।
नहाने का रखें विशेष ध्यान :
मुनि स्नान : जो सुबह 4 से 5 के बीच किया जाता है। ये सर्वोत्तम स्नान है। इससे घर में सुख, शांति, समृद्धि, विद्या, बल, आरोग्य, चेतना प्रदान करता है।
देव स्नान : जो सुबह 5 से 6 के बीच किया जाता है। ये उत्तम स्नान है। इससे यश, कीर्ति, धन, वैभव एवं संतोष की प्राप्ति होती है।
मानव स्नान : जो सुबह 6 से 8 के बीच किया जाता है। ये सामान्य स्नान है। इससे काम में सफलता, भाग्य, अच्छे कर्मो की सूझ, परिवार में एकता, मंगलमय प्रदान करता है।
राक्षसी स्नान : जो सुबह 8 के बाद किया जाता है। धर्म में निषेध है। दरिद्रता, हानि, क्लेश, धन हानि, परेशानी प्रदान करता है।