लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेहतर प्रबंधन, सही समय पर देश में लाकडाउन की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के घोषणा और आमजन के सहयोग की बदौलत वैश्विक महामारी कोविड-19 को काबू में करने में सफलता मिली है। योगी ने बुधवार को ‘यूनीवार्ता’ से बातचीत में कहा ‘‘ विशेषज्ञों का दावा था कि मई अंत तक उत्तर प्रदेश में कोरोना के 70 हजार से अधिक मामले होंगे लेकिन सरकार की मेहनत और लोगों के सहयोग से राज्य में इस अवधि में आठ हजार से कुछ अधिक मामले देखने को मिले जिनमें से पांच हजार से ज्यादा मरीज स्वस्थ भी हो गये।
इसी तरह देश में मई अंत तक 32 लाख के करीब कोविड-19 के मामले आने की संभावना जतायी जा रही थी जबकि दो लाख मामले ही प्रकाश में आये हैं।’’ कोरोना को नियंत्रण करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देते हुये उन्होने कहा कि सही समय में लाकडाउन का निर्णय देश को महामारी की चपेट में आने से काफी हद तक बचा सका। बीमारी को लेकर जनजागरूकता और स्वास्थ्य प्रणाली की मजबूती ने कोविड-19 को वश में करने में अहम भूमिका निभायी वहीं समाज के सभी वर्ग के धर्मगुरूओं ने सरकार की मुहिम का बखूबी साथ दिया । उन्होने कहा कि लाकडाउन के 68 दिनों बाद लोग कोरोना के बुरे प्रभाव के बारे में अच्छी तरह वाकिफ हैं।
अनलाक 1.0 में बचाव के सभी उपाय करने के साथ अर्थव्यवस्था को गति देने का काम शुरू किया गया है। लाकडाउन के चार चरणों में लोगों ने कोरोना से बचाव के तौर तरीकों के बारे में अच्छी तरह जाना और समझा है। आने वाले दिनों में उम्मीद है कि लोग अच्छे स्वास्थ्य के लिये और अधिक सावधान रहेंगे जिससे अगले कुछ महीनों में महामारी पर विजय मिल सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस ने अमेरिका और भारत में एक साथ अपनी आमद दर्ज करायी थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सही समय में सही निर्णय की बदौलत आज देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या दो लाख है वहीं अमेरिका में यह तादाद 17 लाख से अधिक है।
अमेरिका में चिकित्सा संसाधन अपने देश के मुकाबले अधिक उन्नत होने के बावजूद सटीक प्रबंधन और समय से लिये गये फैसलों की वजह से यह अंतर देखने को मिला। लाकडाउन के कारण वित्तीय संकट से निपटने के बारे में सरकार के प्रयासों की जानकारी देते हुये उन्होने कहा कि अप्रैल में सरकारी खर्चो को पूरा करने के लिये पैसे की कमी देखी गयी लेकिन मई में लक्ष्य का 40 फीसदी हासिल किया गया जबकि जून में सरकार के पास पैसों की कोई किल्लत नहीं होगी।
योगी ने कहा ‘‘ वित्तीय संकट के बावजूद सरकार ने अपने कर्मचारियों का अप्रैल माह के वेतन समय से दिया। मई में 15 हजार करोड़ रूपये की जरूरतों के सापेक्ष हम छह हजार करोड़ ही जुटा पाये हालांकि जून में हम लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे। वित्तीय प्रबंधन कर पाना इसलिये संभव हो सका क्योंकि पिछले तीन सालों में हमने फिजूलखर्ची पर पूरी तरह रोक लगा दी थी। ’’ उन्होने साफ किया कि सरकार जरूरतमंदों की सेवा और प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों को रोजगार देने के लिये कटिबद्ध है।
उन्होने कहा ‘‘हमने कुशल और अकुशल प्रवासी श्रमिकों को डाटा संकलित किया है और अब उन्हे रोजगार देने का काम भी शुरू हो चुका है। अब तक करीब 32 लाख श्रमिक अपने परिवार के साथ यहां आ चुके है। हर युवा को प्रदेश में अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रवासियों को उनकी कार्यकुशलता के अनुसार रोजगार मिल सके। ’’
केन्द्र की मदद से कोरोना संकटकाल में राज्य की चिकित्सा सेवाओं के उन्नतिकरण का बखान करते हुये योगी ने कहा कि कोविड अस्पतालों में एक लाख से अधिक बिस्तरों का इंतजाम किया जा चुका है जबकि एक सप्ताह के भीतर कोरोना टेसिं्टग की सीमा 15 हजार प्रतिदिन तक की जायेगी वहीं माह के अंत तक यह आंकडा 20 हजार टेसिं्टग प्रति दिन का होगा। उन्होने कहा कि जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवायें और बेहतर हुयी है और अब हर जिले में कोविड अस्पताल, टेसिं्टग मशीन और आक्सीजन आदि की सुविधा मिलेगी।
इसके अलावा नान कोविड अस्पतालों में शल्य चिकित्सा की शुरूआत हो चुकी है और इमरजेंसी के मरीजों को देखा जा रहा है। धार्मिक स्थल,रेस्तरां और शांिपग माल को आठ जून से खोले जाने के बारे में पूछे गये प्रश्न पर उन्होने कहा कि सरकार इस बारे में केन्द्र की गाइडलाइन का इंतजार कर रही थी। धार्मिक और अन्य गतिविधियों को शुरू करने से पहले राज्य सरकार अपनी गाइडलाइन जारी करेगा।