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Share Market: सेंसेक्स में 113 अंकों का उछाल, निफ्टी में भी रही तेजी, इन कंपनियों के शेयर चढ़े

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 16 2021 4:18PM | Updated Date: Dec 16 2021 4:19PM
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नई दिल्‍ली। गुरुवार को शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ। आज दिन भर के कारोबार के बाद बीएसई का मेन इंडेक्स सेंसेक्स 113.11 अंक यानी कि 0.20 फीसद की बढ़त के साथ 57,901.14 अंक पर बंद हुआ। आज बीइसई के साथ एनएसई भी बढ़त के साथ बंद हुआ। एनएसई का मेन इंडेक्स निफ्टी भी 27.00 अंक यानी कि, 0.16 फीसद की बढ़त के साथ 17,248.40 अंक पर बंद हुआ। आज दिन भर की ट्रेडिंग के सामाप्त होने का बाद सेंसेक्स पैक में टाइटन, एनटीपीसी, टाटा स्टील और भारती एयरटेल के शेयर हरे निशान पर बंद हुए। जबकि, एचडीएफसी बैंक, डा. रेड्डी, आइटीसी और एशियन पेंट्स के शेयर लाल निशान पर बंद हुए।

Sensex गुरुवार को तेजी के साथ 58,243 अंक पर खुला। Infosys समेत 1 दर्जन से ज्‍यादा शेयर हरे निशान के ऊपर थे। Maruti सबसे ज्‍यादा 1 फीसदी के नुकसान पर था। वहीं Nifty 50 भी तेजी के साथ 17,373 अंक पर खुला। इससे पहले शेयर बाजारों में बुधवार को भी ओमिक्रोन का असर लगातार चौथे कारोबारी सत्र में दिखा और बीएसई सेंसेक्स 329 अंक टूटकर बंद हुआ। बाजार विश्‍लेषकों के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति पर निर्णय की घोषणा से पहले निवेशक जोखिम लेने से बचे। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर के 20 महीने के निचले स्तर पर आने तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से भी शेयर बाजारों पर प्रतिकूल असर पड़ा। सेंसेक्स 329.06 अंक यानी 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,788.03 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 103.50 अंक यानी 0.60 प्रतिशत टूटकर 17,221.40 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में 3.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में बजाज फाइनेंस रही।
 
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि फेडरल रिजर्व के उदार नीतिगत रुख को समाप्त कर उसे कड़ा किये जाने की आशंका में घरेलू बाजार नीचे आया। उन्‍होंने कहा कि ऐसा संभावना है कि मुद्रास्फीति दबाव के बीच अमेरिकी केंद्रीय बैंक बांड खरीद कार्यक्रम को तेजी से समाप्त करने और 2022 में नीतिगत दर में वृद्धि का संकेत दे सकता है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि सभी की नजरें अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक पर है। ज्यादातर विश्लेषकों को उम्मीद है कि समिति कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन से उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए नीतिगत दर को बरकरार रखेगी। उन्‍होंने कहा कि बांड खरीद कार्यक्रम, मुद्रास्फीति और वृद्धि को लेकर बयान महत्वपूर्ण होगा । 
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