नई दिल्ली। Sensex की शीर्ष 10 में से 7 कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में बीते सप्ताह 2,28,367।09 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक फायदे में रिलायंस इंडस्ट्रीज रही। इसके अलावा HDFC Bank, इन्फोसिस, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), बजाज फाइनेंस और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के बाजार मूल्यांकन में भी बढ़ोतरी हुई। समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) का बाजार पूंजीकरण 1,35,204.46 करोड़ रुपये के उछाल से 16,62,776.63 करोड़ रुपये पर और एचडीएफसी बैंक का 5,125.39 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 8,43,528.19 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इन्फोसिस के बाजार मूल्यांकन में 9,988.16 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई और यह 7,39,607.12 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आईसीआईसीआई बैंक की बाजार हैसियत 28,817.13 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 5,26,170.49 करोड़ रुपये रही। एचडीएफसी का बाजार पूंजीकरण 7,050.11 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 5,08,612.95 करोड़ रुपये तथा बजाज फाइनेंस का 22,993.93 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 4,49,747.2 करोड़ रुपये रहा। एसबीआई की बाजार हैसियत 19,187.91 करोड़ रुपये बढ़कर 4,41,500.53 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इस रुख के उलट समीक्षाधीन सप्ताह में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का बाजार मूल्यांकन 1,146.7 करोड़ रुपये घटकर 13,45,178.53 करोड़ रुपये पर और हिंदुस्तान यूनिलीवर का 2,396 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 5,48,136.15 करोड़ रुपये पर आ गया।
शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस, एसबीआई और भारती एयरटेल का स्थान रहा। बाजार नियामक सेबी ने म्युचुअल फंड के लिए जोखिम प्रबंधन ढांचे के क्रियान्वयन की समयसीमा एक अप्रैल 2022 तक के लिए बढ़ा दी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने ने कहा कि म्युचुअल फंड (एमएफ) के लिए जोखिम प्रबंधन ढांचा लागू करने की समयसीमा बढ़ाई जा रही है। पहले यह व्यवस्था एक जनवरी 2022 से ही लागू होने वाली थी। इसके साथ ही नियामक ने कहा कि खास श्रेणी की एमएफ योजनाओं का मानक तय करने वाली द्विस्तरीय संरचना भी अब नई तारीख से लागू होगी। सेबी ने म्युचुअल फंड द्वारा पूल खातों के इस्तेमाल पर दिशानिर्देश जारी करने और बीआरडीएस योजनाओं में निवेश के मानक भी तय करने की बात कही है। म्युचुअल फंड संचालित करने वाली इकाइयों के संगठन एएमएफआई से मिले प्रतिवेदनों के आधार पर सेबी ने ये सभी फैसले किए हैं। बाजार नियामक ने कहा कि म्युचुअल फंड सिर्फ लेनदेन के ही लिए पूल खातों का इस्तेमाल कर सकती हैं। ये लेनदेन भी फंड स्तर पर ही होने चाहिए। हालांकि इसके लिए फंड हाउस को नियामकीय मंजूरी लेनी होगी।