नई दिल्ली। LIC शेयर बाजार में अपनी सफलता के परचम फहराने की हरसंभव कोशिश में है। चालू वित्त वर्ष में भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ लाने की तैयारियों में जुटी एलआईसी ने अपनी वित्तीय सेहत को सुधारने के लिए अपने शुद्ध एनपीए (NPA) यानी डूब चुके कर्ज में भारी कमी की है। एलआईसी की ताजा वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च, 2021 तक कंपनी का कुल ऋण पोर्टफोलियो 4,51,303।30 करोड़ रुपये था, जिसमें से एनपीए करीब 35,130 करोड़ रुपए है। LIC ने इस डूबे कर्ज के लिए वित्त वर्ष 2020-21 में 34,934 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे एलआईसी का ग्रॉस एनपीए (NPA) घटकर 7.78 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 0.05 प्रतिशत रह गया है। इससे एक साल पहले देखें तो LIC का ग्रॉस एनपीए कुल डेट पोर्टफोलियो का 8.17 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 0.79 प्रतिशत था। आखिर वित्तीय सेहत सुधारना एलआईसी के लिए इतना जरूरी क्यों है? इसके पीछे वजह यह है कि सरकार एलआईसी के आईपीओ (IPO) को बाजार में सुपर-डुपर हिट करवाना चाहती है। LIC को बाजार में सूचीबद्ध करवाना मोदी सरकार की बाजार से पूंजी जुटाने की एक महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है। पिछले कई सालों से अपने विनिवेश लक्ष्य से चूक रही सरकार इस साल सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर किसी भी तरह विनिवेश लक्ष्य को हासिल करना चाहती है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
सरकार की LIC में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है। IPO से पहले LIC का बाजार पूंजीकरण 8 से 10 लाख करोड़ रुपये हो जाए, इसके लिए उसकी वित्तीय सेहत का अच्छा होना बहुत जरूरी है। जब गाय की सेहत अच्छी होगी तभी तो वह ज्यादा दूध देगी। इसलिए सरकार इस जीवन बीमा कंपनी की सेहत चंगी करके एक लाख करोड़ रुपये अपनी झोली में लाना चाहती है। LIC अगले कुछ महीनों में अपना आईपीओ लाने की तैयारी में है। सार्वजनिक बीमा कंपनी को बाजार में सूचीबद्धता के लिए जरूरी कानूनी संशोधन भी सरकार कर चुकी है। इस संशोधन के मुताबिक, सरकार LIC में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी अगले पांच वर्षों तक अपने पास रखेगी और उसके बाद उसे घटाकर न्यूनतम 51 प्रतिशत पर लाएगी। संशोधित कानून के मुताबिक, एलआईसी की अधिकृत शेयर पूंजी 25,000 करोड़ रुपये होगी जिसे 10 रुपये मूल्य के 2,500 करोड़ शेयरों के रूप में बांटा जाएगा। IPO (LIC) में दस फीसदी शेयर मौजूदा बीमाधारकों के लिए रिजर्व होंगे। IPO आने और बाजार में सूचीबद्ध हो जाने के बाद एलआईसी का बाजार मूल्यांकन करीब 8-10 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।