मुख्यमंत्री डॉ। मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश में निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए कोयंबटूर तमिलनाडु में एक उद्योग कार्यालय खोला जाएगा। यह कार्यालय मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के बीच व्यापार और व्यवसाय बढ़ाने के लिए सेतु का काम करेगा। मुख्यमंत्री डॉ। यादव कोयंबटूर में इन्वेस्ट एमपी- इंटरएक्टिव सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर समिट का मकसद व्यापार और व्यवसाय के लिए विभिन्न प्रदेशों को एक दूसरे के नजदीक लाना है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाने की दिशा में संकल्पित होकर कार्य करना है।
उन्होंने कहा कि यहां उद्योगपतियों ने कोयंबटूर और त्रिपुर को अपने बलबूते पर इंडस्ट्रियल हब के रूप में स्थापित किया है, अब मध्य प्रदेश आपको बुला रहा है। हम आपको व्यापार व्यवसाय बढ़ाने के नए अवसर देने और प्रेम बांटते हुए मध्यप्रदेश व तमिलनाडु के संबंधों को अधिक मजबूत करने के उद्देश्य यहां आए हैं। मुख्यमंत्री डॉ। यादव ने दक्षिण भारत के प्रमुख औद्योगिक केंद्र कोयंबटूर में आयोजित “इन्वेस्ट एमपी -इंटरएक्टिव सत्र” का दीप प्रज्वलित कर तथा तुलसी के पौधे में जल अर्पित कर शुभारंभ किया।
कोयंबटूर टेक्सटाइल एवं गारमेंट, इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे औद्योगिक सेक्टर के लिए जाना जाता है। प्रदेश में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में तमिलनाडु के उद्योगपतियों को आमंत्रित करने के उद्देश्य से कोयंबटूर में रोड शो और निवेशकों और उद्योगपतियों के साथ इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किया गया। सत्र में 1200 से अधिक प्रतिभागियों ने भागीदारी की तथा मध्यप्रदेश में निवेश के लिए 2500 करोड़ रुपए से अधिक निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए।
मुख्यमंत्री डॉ। यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में भी टेक्सटाइल एवं गारमेंट इंडस्ट्री, ऑटोमोबाइल एवं इंजीनियरिंग उद्योग तेजी से विकसित हो रहे हैं। मध्यप्रदेश में इन क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। उद्योगपतियों के लिए मध्यप्रदेश में निवेश कर अपने व्यापार-व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का यह सबसे उपयुक्त समय है। मध्यप्रदेश में निवेश के हर पहलू का ध्यान रखा गया है। आजादी के अमृतकाल को मध्यप्रदेश का भाग्योदयकाल बनाने के लिए हम प्रदेश के उद्योग धंधों को वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा बनाने के विजन पर काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों की स्थापना और विकास के लिए राज्य सरकार सतत प्रयासरत है। इस दिशा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के जरिये प्रदेश के हर क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन की नई पहल प्रारंभ की गई है । निवेश प्रोत्साहन को प्रथामिकता देते हुए वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप मनाने का निर्णय लिया गया है ।
मुख्यमंत्री डॉ। यादव ने कहा कि भोपाल में 7-8 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा। मैं आपको प्रदेश में चल रही निवेश क्रांति का हिस्सा बनने का निमंत्रण देने आया हूं। मुझे विश्वास है कि मध्यप्रदेश मंव उपलब्ध अपार अवसरों का लाभ उठाते हुए विकसित भारत के साथ ही विकसित मध्यप्रदेश के विजन को साकार करने में आप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री की बदलती जरूरतों के अनुरूप मानव संसाधन तैयार करने के लिए जबलपुर शहर में अति आधुनिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर की शुरुआत की जा रही है। तिरपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के साथ एमओयू किया गया है। मध्य प्रदेश देश में टेक्सटाइल और गारमेंट उद्योग को सर्वोत्तम वित्तीय लाभ का पैकेज दे रहा है। गर्व का विषय है की प्रदेश के धार जिले में पीएम मित्र इंटीग्रेटेट मेगा टेक्सटाइल पार्क को स्वीकृति मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑटो इंडस्ट्रीज के 10 से अधिक ओईएम और 200 से अधिक ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं की उपस्थिति मध्यप्रदेश में है। कमर्शियल व्हीकल्स निर्माण के लिए जरूरी ओईएम तथा एनसीलरीस की भी कई बढ़ी छोटी इकाइयां कार्यरत हैं। प्रदेश में ऑटो सेक्टर के लिए आवश्यक सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे ‘इंडो जर्मन टूल रूम, इंदौर’, ‘द सेंट्रल फार्म मशीनरी ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट, बुदनी में और पीथमपुर में ऑटो क्लस्टर ट्रेनिंग सेंटर और ‘ऑटो टेस्टिंग ट्रैक नैट्रैक्स’ भी उपलब्ध है। राज्य को खनिज-वन-जल और पर्यटन सम्पदा का भरपूर उपहार मिला है। उद्योगों की स्थापना और निवेश के लिए मध्य प्रदेश जनता फेंडली, डेवलपमेंट फेंडली और एनवायरनमेंट फ्रेंडली डेस्टीनेशन है। प्रदेश की अन्य राज्यों से कनेक्टिविटी अच्छी है।
इंटरएक्टिव सत्र में 25 से अधिक उद्योगपतियों तथा चार प्रमुख उद्योग संगठनों के साथ एन-टू-वन बैठक की गई साथ ही राज्य के एक जिला एक उत्पादों के संबंध में भी जानकारी का प्रसार किया गया। इसके साथ ही इंडियन कॉटन कारपोरेशन के साथ प्रदेश में इएलएस कॉटन के उत्पादन और रकबे को बढ़ावा देने के लिए नालेज शेयरिंग और प्रदेश में स्क्लिड मैन पॉवर की उपलब्धता को बढ़ाने तथा टेक्सटाइल क्लस्टर स्थापित करने के लिए तिरुपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के साथ नालेज शेयरिंग संबंधी एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। मध्यप्रदेश में कपास की खेती को बढ़ावा देने और रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट शेयरिंग के लिए साउथ इंडिया मिल्स एसोसिएशन के साथ भी एमओयू हुआ।