नई दिल्ली। कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून, आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केसों की वापसी जैसे मुद्दों पर भी किसानों और सरकार के बीच सहमति बन गई है। बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए रिवाइज ड्राफ्ट पर किसानों ने भी सहमति दे दी है जिसके बाद माना जा रहा है कि गुरुवार को सरकार की तरफ से आधिकारिक पत्र मिलते ही 14 महीनों से जारी किसान आंदोलन ख़त्म करने का ऐलान किया जा सकता है। किसान नेताओं ने बताया कि अगर सरकार की तरफ से इसे मानने के लिए अधिकारिक चिट्ठी भेज दी जाएगी तो गुरुवार दोपहर 12 बजे फिर मोर्चे की मीटिंग बुलाकर किसानों की घर वापसी का ऐलान कर दिया जाएगा।
बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग के बाद किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने कहा कि सरकार की तरफ से जो ड्राफ्ट आया था, उस पर हमारी सहमति नहीं बनी थी। हमने उसमें कुछ सुधारों की मांग कर लौटा दिया था। सरकार दो कदम और आगे बढ़ी है। आज जो ड्राफ्ट आया है, उसको लेकर हमारी सहमति बन गई है। अब सरकार उस ड्राफ्ट पर हमें अधिकारिक चिट्ठी भेजे। इसी पर सबकी सहमति है। जैसे ही चिट्ठी आएगी, उस पर गुरुवार को मीटिंग कर फैसला लेंगे। इसके लिए 12 बजे मीटिंग बुला ली गई है, जिसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा।किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने जो ड्राफ्ट भेजा था, उसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है। इस ड्राफ्ट के अनुसार मृतकों को 5 लाख का मुआवजा राज्य सरकार देगी। वहीं, राज्य सरकार ही किसानों पर केस वापस लेगी। अब इसे सरकार को वापस भेजा गया है। जैसे ही सरकार अधिकारिक तौर पर इसे जारी कर देगी तो आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया जाएगा। इसके लिए कल दोपहर 12 बजे मीटिंग बुला ली गई है। उन्होंने आगे कहा कि लखीमपुर मामले पर भी केंद्र सरकार के साथ बातचीत जारी है, ये भी एजेंडे का हिस्सा है।