लखनऊ। UP के 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां पूरी ताकत से तैयारियों में लगी हैं। ऐसे में एक-दूसरे पर कटाक्ष का दौर भी बना हुआ है। बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के ‘लाल टोपी’ वाले बयान पर पलटवार किया है। दिल्ली में संसद में गांधी प्रतिमा के सामने अपने सांसदों संग विरोध जताते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ये लाल रंग इमोशन का रंग है, क्रान्ति और बदलाव का प्रतीक है। पीएम जानते हैं, इस बार यूपी में बदलाव होने जा रहा है। केवल एक रंग को मानने वाले लोग हमारी भावनाएं नहीं समझ सकते। पीएम मोदी ने अपने वादे पूरा नहीं किए, इसलिए अपनी भाषा बिगाड़ रहे हैं। अखिलेश ने आगे यह भी कहा कि हर एक के जीवन में लाल रंग है। जीवन तभी है, जब लाल रंग उसमें है। यह रंग सुंदरता को बढ़ाने वाला भी है। जो इसे इस्तेमाल करता है वो अच्छा दिखता है। ये सद्भावना का भी रंग है। भगवान और देवी देवताओं में भी लाल रंग दिखता है। हनुमान जी का रंग लाल है। सूरज का भी रंग लाल है। लाल रंग रिश्तों का है। शायद रिश्ते बीजेपी नहीं समझती। बीते दिन यानी मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोरखपुर में खाद कारखाना और एम्स के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए लाल टोपी वालों को यूपी के लिए खतरे की घंटी बता दिया था। पीएम ने किसी दल का नाम तो नहीं लिया था, लेकिन कहा कि लाल टोपी वालों को सत्ता लोगों के विकास के लिए नहीं बल्कि अवैध कब्जे, माफियाओं और आतंकियों को छुड़ाने के लिए चाहिए। वहीं, पीएम ने एक तरफ डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, दूसरी तरफ बिना नाम लिए विपक्ष पर करारे हमले किए।
उधर, मंगलवार को ही अखिलेश यादव मेरठ में जयंत चौधरी के साथ संयुक्त रैली कर रहे थे। इसी दौरान गोरखपुर में पीएम मोदी ने लाल टोपी को यूपी के लिए खतरे की घंटी बताया तो अखिलेश ने भी पलटवार करने में देर नहीं लगाई। अखिलेश ने एक ट्वीट में लिखा- ‘भाजपा के लिए ‘रेड एलर्ट’ है महंगाई का, बेरोजगारी-बेकारी का, किसान-मजदूर की बदहाली का, हाथरस, लखीमपुर, महिला व युवा उत्पीड़न का, बर्बाद शिक्षा, व्यापार व स्वास्थ्य का और ‘लाल टोपी’ का क्योंकि वो ही इस बार भाजपा को सत्ता से बाहर करेगी। लाल का इंकलाब होगा, 22 में बदलाव होगा!’