नई दिल्ली। बिहार के CM नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जातीय जनगणना के मुद्दे पर सर्वदलीय शिष्टमंडल के साथ उनसे मिलने का समय मांगा है। पटना, नालंदा, गया और जहानाबाद जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद पटना हवाईअड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में नीतीश से जातीय जनगणना के संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहा, ''हमने पत्र भेज दिया है। PM से मुलाकात के लिए जदयू सांसदों को वक्त नहीं मिलने और जबकि बिहार सरकार में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से मंत्री संतोष कुमार सुमन के PM से मिलने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, ''हमारी पार्टी के सांसदों ने अमित शाह से मिलकर भी अपनी बातें रखी है।'' गौरतलब है कि जदयू सांसदों की केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भेंट हुई थी। फोन टैपिंग से जुड़े सवाल पर CM ने कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है और उसके फैसले का इंतजार है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण के दौरान CM ने दक्षिण बिहार की नदियों के जलस्तर की स्थिति, ओवरटॉपिंग, नदियों के कटाव की स्थिति, क्षतिग्रस्त स्थलों पर बाढ़ से राहत-बचाव कार्य, सहित तमाम स्थिति का जायजा लिया।
उन्होंने पटना जिले के दनियांवा, फतुहा, धनरुआ प्रखंड, नालंदा जिले के हिलसा, करायपरसुराय, एकंगरसराय, रहुई प्रखंड, जहानाबाद जिले के हुलासगंज, मोदनगंज प्रखंड तथा गया जिले के बोधगया, टेकारी प्रखंडों का हवाई सर्वेक्षण किया।
हवाई सर्वेक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत में CM ने कहा कि इन जिलों के कई इलाके बाढ़ से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं और अगर गंगा नदी का जलस्तर और बढ़ता है तो इन इलाकों में बाढ़ का खतरा और ज्यादा बढ़ जायेगा। नीतीश ने कहा, ''अगले सप्ताह हम फिर इन क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए विभाग ने कार्य शुरु कर दिया है लेकिन फिर से वर्षा होने पर गंगा नदी का जलस्तर और ज्यादा बढ़ेगा, जिससे इन क्षेत्रों में और पानी फैल सकता है।'' नदियों को जोडऩे के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी नदियों को जोडऩे से काफी लाभ होगा, जल संग्रहण हो सकेगा और जल संकट दूर किया जा सकेगा।