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ग्वालियर-चंबल अंचल में राहत एवं बचाव कार्य जारी, अब तक 8 हजार से अधिक लोग निकाले गए

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 4 2021 6:54PM | Updated Date: Aug 4 2021 7:59PM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेना की मदद से राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी है। अब तक आठ हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। वहीं 1950 लोगों को  निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। आधिकारिक जानकारी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ से शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना जिलों के कुल 1225 ग्राम प्रभावित हैं। अब तक श्योपुर जिले के 32 गाँवों से 1500 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। इसी प्रकार शिवपुरी के 90 गाँवों से 2000 और दतिया, ग्वालियर, मुरैना, भिंड के 240 गाँवों से एसडीईआरएफ, एनडीईआरएफ, आर्मी तथा बीएसएफ ने मिलकर लगभग 5,950 लोगों को सुरक्षित निकालने में सफलता प्राप्त की है।
 
मुख्यमंत्री ने बताया कि 1950 लोगों अभी भी फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के प्रयास जारी हैं। खराब मौसम के कारण कल एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर को बचाव कार्य में कठिनाई आ रही थी। आज फिर हेलीकॉप्टरों ने बचाव कार्य शुरू किया है। उन्होंने कहा कि शिवपुरी और श्योपुर में कल तक ही लगभग 800 मिली मीटर बारिश हो चुकी है। यह अप्रत्याशित स्थिति है। श्योपुर जिले में संचार व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो चुकी है। दूर संचार मंत्रालय से बात कर व्यवस्थाएँ पुन: स्थापित करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
 
उन्होंने बताया कि गुना-शिवपुरी के बीच रेल सेवा बंद है। अधोसंरचना को बहुत नुकसान पहुंचा है, पर राहत की बात यह है कि बचाव कार्य निरंतर जारी है। प्रभावितों की जिन्दगी बचाने में हमें सफलता मिली है। एनडीईआरएफ की 3 टीमें पहले से बचाव कार्य में लगी थीं, दो टीमें और आ रही हैं। आर्मी के चार कॉलम और एसडीईआरएफ की 70 से अधिक टीमें जिला प्रशासन के साथ बचाव कार्य में लगी हुई हैं। अब तक वायुसेना के चार हेलीकॉप्टर ग्वालियर में और एक शिवपुरी में बचाव कार्य में लगे हैं।
 
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब वर्षा कम होने से पार्वती नदी का जल स्तर कम होना आरंभ हुआ है। ग्वालियर में 46 गाँव प्रभावित हैं, 17 रेस्क्यू स्थल बनाए गए हैं और तीन हजार लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है। दतिया में सेना पहुँच गई है। जिले के 36 गाँव प्रभावित हैं, 18 रेस्क्यू स्थल बनाए गए हैं, लगभग 1100 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। यहाँ मंदिर में फंसे पुजारी को मोटर वोट भेज कर बचा लिया गया है।
 
उन्होंने बताया कि सभी मुख्य मार्ग बंद हैं। एनएच-3 भी सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया गया है। रतनगढ़ का पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। शिवपुरी में 22 गाँव प्रभावित हुए हैं। बचाव कार्य जारी है, 801 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। श्योपुर में ज्वालापुर, खेरावत, मेवाड़ा और जाटखेड़ा गाँव पूरी तरह से पानी से घिरे हुए थे। यहाँ जल स्तर घट रहा है। सेना गाँवों तक पहुँचने की कोशिश कर रही है। पानी अधिक होने और पुलों के क्षतिग्रस्त होने के कारण सेना को रास्ता बनाते हुए आगे बढ़ना पड़ रहा है। लेकिन लोग सुरक्षित हैं। जल स्तर घट रहा है। जीवन को खतरा नहीं है।
 
चौहान ने बताया कि चंबल नदी में लगातार पानी बढ़ रहा है। कोटा बैराज से छोड़े गये पानी से भी जल स्तर और बढ़ेगा। भिंड और मुरैना जिले के लिये यह चिंता का विषय है। इन जिलों के निचले इलाकों में बसे गाँवों को खाली कराने का काम लगातार जारी है। भिंड में 800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। मुरैना में सावधानी के तौर पर गाँव खाली कराये जा रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। सिंध नदी में भी लगातार पानी बढ़ रहा है।
 
मुख्यमंत्री ने बताया कि राहत के लिए कैंप और भोजन व्यवस्था की जा रही है। वे निरंतर केंद्र सरकार के संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आज भी फोन पर चर्चा हुई है। उन्हें स्थिति से अवगत कराया गया है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी चर्चा हुई है। केंद्र के सहयोग से ही लोगों को एयर लिफ्ट करने की व्यवस्था बन पाई है। प्रधानमंत्री मोदी के सहयोग के कारण ही सेना को भी तत्काल बुलाना संभव हो पाया। बचाव और राहत का हर संभव प्रयास जारी है। चौहान ने बताया कि मुझे विश्वास है कि हम सभी लोगों को सुरक्षित निकालेंगे और राहत तथा व्यवस्था बनाने का कार्य जारी रहेगा। जनता की सेवा के कार्यों का बेहतर संचालन सुनिश्चित किया जायेगा।
 
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