तिरुवनंतपुरम। केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने सोमवार को कहा कि कोडाकारा कालाधन मामले में अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है तथा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन समेत 250 गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है। विजयन आज विधानसभा में कांग्रेस के सदस्य रोजी एम जॉन के प्रश्न के उत्तर में यह बात कही। जॉन सदन में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की ओर से राज्य में चुनावी कार्यों के लिए लाये गये हवाला धन के मामले में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने की अनुमति चाह रहे थे। विजयन ने कहा कि मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उनके अनुरोध पर प्रवर्तन निदेशालय, मुख्य चुनाव अधिकारी और सीमा शुल्क विभाग को संबंधित विवरण सौंप दिया है।
भाजपा नेता धर्मजन की ओर से 25 लाख रुपये की लूट की शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया था, लेकिन, जांच दल ने 1.46 करोड़ रुपये जब्त किए और ऐसी खबरें थीं कि 3.5 करोड़ रुपये गायब हैं। सुरेंद्रन, राज्य संगठन सचिव एम गणेशन और राज्य कार्यालय सचिव गिरीश नायर के साथ घनिष्ठ संपर्क रखने वाले धर्मराजन ने पुलिस को बताया कि राज्य में पांच मार्च से पांच अप्रैल, 2021 के बीच पार्टी कार्यकर्ताओं को 40 करोड़ रुपये का वितरण किया गया था, लेकिन, इसमें से 4.4 करोड़ कथित तौर पर तमिलनाडु के सलेम से लूट लिया गया था।
उन्होंने कर्नाटक में एकत्र किए गए एक और 17 करोड़ रुपये और चुनावी उद्देश्य के लिए राज्य में राशि लाने का भी खुलासा किया। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि भाजपा लोकतांत्रिक व्यवस्था को अस्थिर करने के लिए केरल में काला धन डाल कर एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में अपनी नीति और देश में काले धन को खत्म करने के चुनावी वादे से भटक गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों ईडी और सीमा शुल्क को इसकी जांच करने की अनुमति देकर मामले ने अपनी उचित जांच खो दी, जिससे केरल में भाजपा नेताओं को मदद मिली है। मुख्यमंत्री ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस का भाजपा से सांठगांठ है। उन्होंने इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग भी की।