शिमला। हिमाचल प्रदेश में गत 14 से 30 अप्रैल तक कोविड महामारी से 362 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 67 ऐसे है जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली थी और दो लोगों की मौत वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुये बताया कि दोनों खुराक लेने के हुई दो मौतों में एक व्यक्ति की मृत्यु वैक्सीन लगवाने के चार दिन बाद और दूसरे की 16 दिन बाद हुई है। जिससे पता चलता है कि दोनों व्यक्ति टीकाकरण के बाद प्रभावी प्रतिरोधक विकसित होने से पहले ही कोरोना संक्रमित हो गए थे। इससे यह भी सामने आया कि टीकाकारण सीधे तौर पर कोविड से होने वाली मृत्यु दर को कम करने में मद्द करता है।
प्रवक्ता के अनुसार राज्य में 91.9 प्रतिशत स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं (एचसीडब्ल्यू) को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी है जबकि राष्ट्रीय औसत 88.7 प्रतिशत है। प्रदेश में वैक्सीन की दूसरी खुराक 90.3 प्रतिशत स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओ को दी जा चुकी है जबकि राष्ट्रीय औसत 79.1 प्रतिशत है। राज्य में 45 वर्ष से अधिक जनसंख्या वर्ग में वैक्सीन की पहली खुराक 78 प्रतिशत लोगों को दी जा चुकी है जबकि राष्ट्रीय औसत 30 प्रतिशत है।
पात्र लोगों का टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे है। जिन लोगों को चार से छह सप्ताह पहले वेक्सीन की पहली खुराक लगाई जा चुकी है उन्हें वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के लिए आगे आना चाहिए ताकि प्रभावी प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सके।
प्रवक्ता ने कहा कि प्राथमिकता वाले समूहों जैसे 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग, स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं और अग्रिम पक्ति कार्यकर्ताओं के लिए वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। राज्य को केंद्र सरकार के माध्यम से आज कोविशील्ड की 50 हजार खुराक और प्राप्त हो गई है।
राज्य में 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग का टीकाकरण को शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने सीरम संस्थान को कोविशील्ड वैक्सीन की 107620 खुराकों की आपूर्ति के लिए 3.39 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। टीके की आपूर्ति शीघ्र आपेक्षित है। टीके की खेप प्राप्त होते ही 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा।