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कोरोना टेस्टिंग रिपोर्ट 36 घंटे में हो : हाईकोर्ट

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 7 2021 12:04AM | Updated Date: May 7 2021 12:04AM
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जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कोरोना संबंधी मामलों में ऑक्सीजन की कमी व रेमडेसीवर इंजेक्शन को लेकर पूर्व में जारी आदेश का अक्षश: पालन करने के आदेश सरकार को दिये है। मुख्य न्यायाधीश मो. रफीक व जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने सरकार की ओर से पेश की गई एक्शन टेकन रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद उस पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए ऑक्सीजन व रेमडेसीवर इंजेक्शन के लिये अलग-अलग पॉलिसी अपनाये जाने को भी आड़े हाथों लिया। 

युगलपीठ ने कहा इसके लिये एकसी पॉलिसी होनी चाहिये, इस संबंध में सरकार को एफीडेविट पेश करने के निर्देश दिये है। इसके साथ ही कोरोना टेस्टिंग रिपोर्ट पर लगने वाले समय को कम किये जाने के सरकार के जवाब पर न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि हरहाल में 36 घंटे में रिपोर्ट पेश की जाये। युगलपीठ ने 19 अप्रैल को जारी आदेशों का अक्षश: पालन करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 17 मई को निर्धारित की है। 

उल्लेखनीय है कि अस्पताल में बिल राशि का भुगतान नहीं होने पर एक वृद्ध मरीज को बंधक बनाये जाने के मामले में संज्ञान याचिका के साथ अन्य कोरोना संबंधी मामलों की हाईकोर्ट में सुनवाई हो रहीं है। न्यायालय आज सुनवाई दौरान सरकार की ओर से पेश की गई कम्पलाईज रिपोर्ट पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए विगत 19 अप्रैल को जारी किये गये 19 बिंदुवार आदेश का अक्षश: पालन करने के निर्देश दिये है। 

इसके साथ ही कोरोना टेस्टिंग रिपोर्ट हरहाल में 36 घंटे में उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराने के निर्देश भी सरकार को दिये है। मामले की सुनवाई दौरान आरोप लगाया गया कि निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन व रेमडेसीवर इंजेक्शन कम उपलब्ध कराकर सरकारी अस्पतालों को अधिक दिये जा रहे है। जिस पर सरकार ने उक्त आरोप को निराधार बताया। सरकार की ओर से कहा गया कि जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन व इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रहीं है। जिस पर न्यायालय ने व्यवस्थाएं और दुरुस्त करने के निर्देश दिये।

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