नैनीताल। तीर्थनगरी हरिद्वार में अब महाशिव रात्रि व सोमवती अमावस्या यानी 11 व 12 मार्च को होने वाले शाही स्थानों के मौके पर भी श्रद्धालुओं को प्रदेश सरकार की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करना होगा। राज्य सरकार की ओर से इसका सख्ती से पालन करने को कहा गया है। प्रदेश सरकार की ओर से इस आशय के आदेश सोमवार को जारी किये गये हैं। राज्य आपदा प्रबंधन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि हरिद्वार मेला क्षेत्र में एसओपी 10 मार्च से 12 मार्च की अवधि में भी लागू रहेगी।
मुख्य सचिव की ओर से कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत, आईजी कुंभ मेला व आयुक्त गढ़वाल, जिलाधिकारी हरिद्वार, पौड़ी व टिहरी को गाइड लाइन का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिये गये हैं। इससे साफ है कि अब दोनों शाही स्रानों में हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को अब 72 घंटे पहले की कोरोना की जांच रिपोर्ट अपने साथ लानी होगी। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को राज्य सरकार के कुंभ मेला से संबंधित वेब पोर्टल पर भी पंजीकरण करना अनिवार्य होगा और पंजीकरण संबंधी ई-पास भी अपने पास रखना होगा।
साथ ही आरोग्य सेतु एप को भी अपने मोबाइल में चालू रखना होगा। इन शर्तों को पूरा करने वाले श्रद्धालुओं को ही हरिद्वार कुंभ मेला में प्रवेश करने दिया जायेगा। यही नहीं सभी श्रद्धालुओं के लिये सामाजिक दूरी के व मास्क पहनना भी अनिवार्य होगा। एसओपी के अनुसार मेला क्षेत्र में थूकने पर भी प्रतिबंध रहेगा। जिले से जुड़ी सभी सीमाओं, प्रवेश द्वारों, रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों पर सख्ती के निर्देश दिये गये हैं। विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं व तीर्थ यात्रियों के लिये भारत सरकार व राज्य सरकार के मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। यहां यह भी बता दें कि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह कदम उठाया है। उच्च न्यायालय ने विगत पांच मार्च को कोविड महामारी से जुड़ी जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए ये एसओपी को 11 मार्च व 12 मार्च को होने वाले स्रानों के लिये भी लागू करने के निर्देश दिये थे।