भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने शासकीय अस्पताल में एक प्रसूता की मौत के मामले में राज्य शासन को प्रसूता के वैध वारिस को क्षतिपूर्ति राशि के रुप में दो लाख रुपये एक माह में अदा करने की अनुशंसा की है। आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार आयोग ने जिला चिकित्सालय खरगौन में प्रसूता श्रीमती पिंकी की इलाज के अभाव में अत्यधिक ब्लीडिंग के कारण मृत्यु हो जाने के मामले में राज्य शासन को प्रसूता के वैध वारिस को क्षतिपूर्ति राशि के रूप में दो लाख रूपये एक माह में अदा करने की अनुशंसा की है।
आयोग ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, ऊन तथा जिला चिकित्सालय, खरगौन में प्रसूता महिला पिंकी के 04 सितम्बर 2016 को स्वास्थ्य, सुरक्षा तथा सुरक्षित प्रसव की उपेक्षा के कारण उसके मानव अधिकार के हनन के लिये दो लाख रूपये की क्षतिपूर्ति राशि एक माह में प्रसूता के वैध निकटतम वारिस को दी जाये। आयोग द्वारा मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, आयुक्त, स्वास्थ्य सेवाएं, संचालनालय भोपाल, म.प्र. एवं जिला दण्डाधिकारी खरगौन को अनुशंसा की प्रति भेजकर इस पर यथाशीघ्र कार्यवाही करने को कहा गया है।