राजस्थान में पिछले कई दिनों से राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है। राजस्थान कांग्रेस में जिद शुरू हो गई है। रविवार को कांग्रेस नेता और राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पार्टी आलाकमान से बात करने के लिए दिल्ली पहुंचे। उनके साथ दिल्ली में 12 विधायक होने की भी जानकारी है। सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि सचिन पायलट दो दिन पहले तक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के संपर्क में थे।
राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट को सुलझाने के लिए प्रियंका गांधी ने अब मोर्चा संभाल लिया है। अब प्रियंका गांधी राजनीतिक संकट को हल करने की कोशिश कर रही हैं। अब यह देखना होगा कि वह पार्टी में चल रही इस कलह को दूर कर पाती है या नहीं? दूसरी ओर, खबर है कि सोमवार सुबह जयपुर में कांग्रेस कार्यालय से उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के पोस्टर हटा दिए गए थे, जो अब फिर से लगाए गए हैं।
अशोक गहलोत ने बहुमत संख्या दिखाई है। उन्होंने मीडिया के सामने समर्थक विधायकों को दिखाया है। सीएम अशोक गहलोत ने मीडिया को अपने आवास पर बुलाया है, जहां विधायकों की संख्या का प्रदर्शन किया जा रहा है। अशोक गहलोत लगातार 100 से अधिक विधायकों के समर्थन की बात कर रहे थे। इस दौरान अशोक गहलोत ने मीडिया के सामने विक्ट्री साइन दिखाया।
दिल्ली में पायलट के आने के साथ ही ऐसी अटकलें हैं कि सचिन कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और बीजेपी छोड़ सकते हैं। जिसके कारण राजस्थान में कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेता और राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और कांग्रेस छोड़ सकते हैं। पायलट ने यह भी दावा किया है कि उनके पास कांग्रेस के 30 विधायकों का समर्थन है। अगर पायलट का दावा सही है, तो राजस्थान में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ जाएगी। हालांकि, इस दावे को पार्टी ने खारिज कर दिया है।