भोपाल। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश में लॉकडाउन लागू करने के निर्णय को पूरी तरह उचित बताते हुए कहा कि यह फैसला लोगों की जान बचाने के लिए लिया गया था। सिंधिया ने यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार के एक सौ दिन का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर वर्चुअल रैली को संबोधित किया।
इस रैली में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हुए, तो प्रदेश भाजपा कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, पार्टी उपाध्यक्ष प्रभात झा और अन्य नेता भी मौजूद थे। सिंधिया ने कहा कि एक तरफ वो दल है, जिसने देश में सत्ता बचाने के लिए आपातकाल लगा दिया था और एक ओर मोदी हैं, जिन्होंने कोरोना के संक्रमण काल से देश में लोगों की जान बचाने के लिए लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया।
इस निर्णय से हजारों लाखों लोगों की जान बच गयी। मोदी ने साहस दिखाया और लॉकडाउन के जरिए स्थिति नियंत्रित करने के बाद अनलॉक के जरिए देश में सामान्य जनजीवन पटरी पर लाने की कोशिश शुरू हुयी। सिंधिया ने कहा कि वो आपातकाल का विरोध दल बदलने के बाद नहीं कर रहे हैं। वे कांग्रेस में रहकर भी आपातकाल का विरोध करते थे।
क्योंकि जो गलत मतलब, गलत और जो सही है, तो सही। वे इसी नीति पर चलने वाले हैं। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि मौजूदा दौर में जहां चीन या कोरोना जैसे मुद्दे पर सभी पार्टियां दलगत भावना से ऊपर उठकर एकजुटता प्रदर्शित कर रही हैं, वहीं कुछ लोग अलग चल रहे हैं। सिंघिया ने मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने चीन को सख्ती और संवेदनशीलता के साथ जवाब दिया है और आज स्वयं लेह तक पहुंच गए हैं।
उन्होंने सभी लोगों से कोरोना से बचाव के लिए सभी आवश्यक ऐहतियात बरतने की अपील करते हुए कहा कि यह आवश्यक है। सिंधिया के अनुसार उन्होंने स्वयं कोरोना को पूरे तीस दिनों तक झेला है और वे कह सकते हैं कि कोरोना का प्रकोप दुश्मनों पर भी नहीं आए। सिंधिया ने राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के क्रियाकलापों का संकेतों में जिक्र किया और कहा कि उसने कोरोना से निपटने या आम लोगों के हित में कोई कार्य नहीं किया। उसकी प्राथमिकता 'आइफा' आयोजन था और उसके लिए हर कदम उठाए गए।
सिंधिया ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि दस मार्च को जब उन्होंने अपने पिता माधवराव सिंधिया की जयंती पर महत्वपूर्ण राजनैतिक निर्णय लिया, तब राज्य सरकार में धड़ाधड़ नियुक्तियां की गयीं। उस समय जब कोरोना पर ध्यान देना था, इस तरह के कदम उठाए गए। सिंधिया ने राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की काफी सराहना की और कहा कि वे एक सौ दिनों में 30 दिनों तक अकेले ही कोरोना से जूझते रहे। पूरे एक माह बाद पांच मंत्री बने, लेकिन अब कल पूरी सेना (मंत्रिमंडल का विस्तार) तैयार हो गयी है और अब सभी पूरे मनोयोग से राज्य और यहां के लोगों के लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए तैयार हो जाएं। उन्होंने चौहान द्वारा एक सौ दिनों के दौरान लिए गए निर्णयों की भी जानकारी दी।