चंडीगढ़। हरियाणा के पर्यावरण मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा है कि पर्यावरण, प्रकृति एवं जैव विविधता एक दूसरे के पूरक हैं तथा इनमें संतुलन बना रहा बेहद जरूरी है। गुर्जर पांच जून को ‘अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस‘ आज यहां ऑनलाइन संगोष्ठी में अपने सम्बोधन में कहा कि यह भी संयोग की बात है कि हाल ही में 22 मई, 2020 को विश्व ने ‘अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस’ मनाया था जिसका थीम ‘मानव की समस्याओं का समाधान प्रकृति में ही निहित है’ था।
अब पांच जून को मनाए जाने वाले ‘अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर ‘जैव विविधता’ थीम रखा गया है जो यह दर्शाता है कि जैव विविधता, प्रकृति तथा पर्यावरण तीनों का परस्पर कितना गहरा सम्बंध है। प्रकृति एवं पर्यावरण में संतुलन पर ही जैव विविधता का अस्तित्व सम्भव है और इसी प्रकार जैव विविधता के कारण ही पर्यावरण में संतुलन बना रहता है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या विस्फोट की वजह से ही जैव विविधता कई कारणों से कम होती जा रही है तथा कई प्रजातियां तो विलुप्त ही हो गई हैं।
जैव विविधता के विलुप्त होने के विभिन्न कारण हैं जिनमें मुख्यत: पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, वनों का कटान, जैव विविधता के आवास का विखंडन एवं वन जीवों का शिकार इत्यादि शामिल हैं। राज्य सरकार ने जैव विविधता के बारे जानकारी संकलित करने हेतु ‘राज्य जैव विविधता बोर्ड’ का गठन किया है। इस कार्य के लिए राज्यभर में जैव विविधता समितियों का गठन किया गया है जो अपने-अपने क्षेत्रों में मौजूद जैव विविधता रजिस्टर तैयार कर रही हैं। इस रजिस्टर में गांव वालों के पास उपलब्ध जड़ी-बूटियों की जानकारी भी दर्ज की जाती है ताकि इस प्रकार का बहुमूल्य ज्ञान आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखा जा सके।
पर्यावरण मंत्री ने इन जैव विविधता रजिस्टरों के माध्यम से जैव विविधता समितियों को न केवल अपने क्षेत्रों में पाये जाने वाली जड़ी-बूटियों का ज्ञान रहेगा अपितु इन जड़ी-बुटियों का व्यापार करने वाले व्यापारियों एवं दवाइयां बनाने वाले फैक्टरी मालिकों से भी लाभ का कुछ हिस्सा प्राप्त मिलेगा।
इस अवसर पर राज्य जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष गुलशन आहूजा ने बताया कि लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने तथा जैव-विविधता का महत्व समझाने के लिए बोर्ड ने अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं जैसे प्रश्नोत्तरी, चित्रकारी, फोटोग्राफी एवं निबंध लेखन प्रतियोगिताएं ऑनलाइन करवाई थी जिनमें स्कूली बच्चों और आम जनता ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इन प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले प्रतियोगियों को नकद पुरस्कारों और प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया जाएगा।