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गेहूँ उपार्जन लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों के लिये वरदान साबित हुआ-शिवराज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 31 2020 1:03AM | Updated Date: May 31 2020 1:04AM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस वर्ष गेहूँ उपार्जन प्रदेश के लघु, मध्यम और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार चौहान ने कहा कि कोरोना संकट के प्रतिकूल दौर में लॉकडाउन के दौरान गेहूँ उपार्जन एक बड़ी चुनौती थी। सरकार ने 15 अप्रैल को प्रदेश में उपार्जन कार्य शुरू किया। लगभग सवा माह की उपार्जन अवधि में 15 लाख 29 हजार किसानों ने 1 करोड़ 20 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचा।
 
बेचे गए गेहूँ का सरकार ने किसानों को समय पर भुगतान किया। इस उपार्जन प्रक्रिया में लगभग 13 लाख 80 हजार लघु, मध्यम एवं सीमांत किसान भी शामिल हुए हैं। चौहान ने प्रदेश में गेहूँ उपार्जन के लिए किसानों की समय पर सहायता करने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अमले सहित संबंधित विभागों तथा अन्य सभी संबंधितों की सराहना करते हुए कहा कि इतनी संख्या में गत वर्षों में कभी भी लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों ने अपना गेहूँ समर्थन मूल्य पर नहीं बेचा।
 
ऐसे किसानों के पास धनाभाव एवं भंडारण की सुविधा नहीं होने से सामान्य रूप से वे अपनी उपज कम दामों पर खुले बाजार में बेचने के लिए मजबूर हो जाते हैं, परंतु लॉकडाउन के समय उनके लिए वह सहारा भी नहीं था। ऐसे में सरकार ने उनकी परेशानी को समझा तथा लॉकडाउन की विपरीत परिस्थिति के बावजूद प्रदेश में गेहूँ उपार्जन का कार्य प्रारंभ किया गया। प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में कुल पंजीकृत किसान 19 लाख 46 हजार हैं, जिनमें से अभी तक कुल 15 लाख 29 हजार किसानों ने 120 लाख मेट्रिक टन से अधिक गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचा है।
 
किसानों को 16 हज़ार करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान भी किया जा चुका है। शेष भुगतान भी शीघ्र हो जाएगा। क्रय किये गये गेहूँ की 85 प्रतिशत मात्रा का परिवहन एवं सुरक्षित भंडारण भी किया जा चुका है।  शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के कुल पंजीकृत किसानों में से 13 लाख 80 हजार लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों ने अपना गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचा है। इनमें से 3 लाख 81 हजार सीमांत किसानों ने, 5 लाख 41 हजार छोटे किसानों ने तथा 4 लाख 68 हजार मध्यम किसानों ने अपना गेहूँ बेचा है।
 
इसके अलावा 1 लाख 39 हजार बड़े किसानों ने अभी तक गेहूँ बेचा है, जिनमें 5 से 10 हेक्टेयर वाले 1 लाख 18 हजार तथा 10 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले 21 हजार किसानों ने अपना गेहूँ बेचा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष गेहूँ उपार्जन के तहत गेहूँ बेचने में लघु, सीमांत एवं मध्यम किसानों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। गत वर्ष गेहूँ बेचने वाले सीमांत किसानों का प्रतिशत 34 था, जो इस वर्ष बढ़कर 75 हो गया है। इसी प्रकार छोटे किसानों का प्रतिशत 49 था, जो बढ़कर 83 हो गया है।
 
मध्यम किसानों का प्रतिशत गत वर्ष 59 था, जो इस वर्ष बढ़कर 79 हो गया है। इस वर्ष लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों ने 86.57 एम.टी. गेहूँ बेचा है। इनमें से सीमांत किसानों ने अभी तक कुल 9 लाख 26 हजार एम.टी, छोटे किसानों ने 28 लाख 38 हजार एम.टी तथा मध्यम किसानों ने 48 लाख 93 हजार एम.टी गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचा है। इसके अलावा 5 से 10 हे. के बड़े किसानों ने 25 लाख 31 हजार एम.टी तथा 10 हे. से अधिक भूमि वाले किसानों ने 08 लाख 65 हजार एम.टी. गेहूँ विक्रय किया है। उन्होंने बताया कि उपार्जन के दौरान खाद्य  विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और किसानों सहित अन्य लोगों ने लॉकडाउन  के संबंध में जारी सरकारी आदेशों का पालन भी किया है। 
 
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