नई दिल्ली। पंजाब सरकार ने लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे पोल्ट्री और सूअर पालन करने वाले किसानों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं तथा उन्हें 1585 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं उपलब्ध करने का निर्णय लिया है। सरकार किसानों को घर घर जा कर अंडा एवम् चिकन बेचने का आदेश देने के साथ ही कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग पर मुर्गी पालन करने वालों को भी कुछ राहत देने पर विचार कर रही है । लॉकडाउन के कारण होटल और रेस्टोरेंट के बंद होने तथा कोरोना संक्रमण को लेकर अफवाह फैलने के कारण पोल्ट्री उद्योग को भारी आर्थिक नुकसान हुआ हैं जिससे पंजाब के किसान भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
पंजाब के पशुपालन विभाग के निदेशक डाÞ इंदरजीत सिह ने यूनीवार्ता को बताया कि सरकार ने सूअर और पोल्ट्री पालन करने वाले किसानों को राहत देने के लिए अनुदानित दर पर गेहूं देने का निर्णय किया है । इसके तहत किसानों को 1585 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं दिया जाएगा । यह गेहूं किसान संगठनों के माध्यम से दिया जाएगा । किसानों को किसान संगठनों के माध्यम से गेहूं के लिए आवेदन देना होगा। डॉ सिंह ने बताया कि बाजरा और मक्का का मूल्य बढ़ने से पहले ही पोल्ट्री उद्योग घाटे का कारोबार हो गया था । बाद में अफÞवाह के कारण इसके मूल्य में भारी गिरावट आ गई जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
अब सरकार ने किसानों को सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए घर घर जा कर चिकन और अंडा बेचने की अनुमति दे दी है । उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे किसानों को कुछ राहत मिलेगी। पंजाब में किसान अंडो के लिए करीब डेढ़ करोड़ मुर्गियों तथा मांस के लिए करीब दो करोड़ बॉयलर चिकन को पालते हैं। इसी प्रकार से राज्य में सूअर पालन करने वाले किसानों को भी यातायात पर प्रतिबंध के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उनके पास सूअर बिक्री के लिए तैयार है और बिक्री के लिए ग्राहक भी हैं लेकिन परिवहन की समस्या है । सूअर के नहीं बिकने के कारण उनके भोजन पर उन्हें बहुत पैसे खर्च करने पड़ते हैं और इसके अनुपात में उसके मांस में बढ़ोत्तरी नहीं होती है जो उनके लिए घाटे का सौदा है। डा सिंह ने बताया कि किसानों की सुविधा और पशु कल्याण के हित में सरकार ने पशु चिकित्सा अस्पतालों तथा चिकित्सा केंद्रों को खोलने का आदेश दिया है । इसके साथ ही पशुपालन करने वाले किसानों को अन्य सुविधाएं देने के प्रयास किए जा रहे हैं ।