अंबाला। दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के केंद्रीय गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराने के बयान को लेकर हरियाणा के गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी नेता ने आज कहा कि यह समय एक-दूसरे पर दोषारोपण का नहीं है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में तीन दिन हुई हिंसा में तीस से अधिक लोगों की मौत हुई है और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। विज ने यहां जारी बयान में कहा कि इस समय सभी को शांत करना चाहिए ताकि हिंसा बंद हो सके क्योंकि लोकतंत्र में हिंसा का कोई रास्ता नहीं रहा।
गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि पहला काम इस हिंसा को बंद करने का है लेकिन इस पूरे मामले में किसने क्या किया है सब जनता के सामने है और जनता के सामने लाया जाएगा। गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग पर विज ने कहा कि कांग्रेस को ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए क्योंकि अगर हम बोलेंगे तो और भी बहुत सी बातें खुलेगी कि किस ने इस आंदोलन को भड़काया, किस-किस ने इस आंदोलन के पक्ष में बयान दिए, किसने कहां उन्हें बिरयानी खिलाई यह सारी बातें बीच में आएंगी।
उन्होंने कहा कि एक बार भी दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शाहीन बाग जाकर आंदोलनकारियों को समझाने की कोशिश नहीं की और अगर उन्होंने अपना दायित्व निभाया होता तो इस समस्या का समाधान हो सकता था। विज ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के राष्ट्रपति भवन जाते समय पुलिस के रोकने पर सड़क पर बैठ जाने को लेकर कहा प्रियंका गांधी ने देश में हर जगह जा-जा कर लोगों को भड़काया कि आप सड़कों पर निकलो और आप इसका विरोध करो और अब जब उन्होंने देखा कि इस सारे मामले में आग लग चुकी है,तो वह उल्टा चल रही है लेकिन लोग सब समझते हैं।
विज ने सतुलज यमुना जोड़ नहर (एसवाईएल) के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान को लेकर आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आपस में मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के महाधिवक्ता ने किताब लिखी है जिसमें उन्होंने बताया है पंजाब सरकार को हरियाणा को पानी ना देने का क्या नुस्खा हो सकता है और उस किताब का विमोचन हुड्डा ने किया था। इससे साफ साबित होता है ये दोनों मिले हुए हैं। विज ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हरियाणा की हो या पंजाब की, मिल कर हरियाणा के लोगों के साथ छल कर रहे हैं।