चंडीगढ़। हरियाणा की सभी शहरी स्थानीय निकाय के कार्यों में और अधिक पारदर्शिता लाने के दृष्टिगत तथा ठेकेदारों का एकाधिकार खत्म करने के लिये भविष्य में 100 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य अब ठेकेदारों के समूह को संयुक्त रूप से न देकर अलग-अलग आवंटित किये जाएंगे। राज्य के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने आज यहां हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के पांचवे दिन प्रश्नकाल के समय सोनीपत शहर के बस अड्डे के निकट से गुजर रहे नाला संख्या छह को ढकने का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा होने के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में सदन को दी।
उन्होंने कहा कि यह कार्य 25 करोड़ रुपये के लागत से पूरा होना चाहिए और ठेकेदार निर्धारित समय अवधि में कार्य को पूरा नहीं कर पाया जिसके फलस्वरूप कार्य का अनुबंध रद्द कर दिया गया था। कार्य के लिये नये सिरे से निविदा आमंत्रित करने उपरांत पिछली एजेंसी के जोखिम को लागत के आधार पर निष्पादन किया जाएगा और इस कार्य को 18 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। मंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि वह भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।
अगर किसी भी तरह की भ्रष्टाचार की जानकारी सदन के सदस्यों के पास है तो वे उनके संज्ञान में ला सकते हैं। दोषियों को किसी भी तरह बख्शा नहीं जाएगा। विज, जिनके पास तकनीकी शिक्षा विभाग भी है, ने एक अन्य सवाल पर कहा कि सरकार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में एक कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया गया है ताकि प्रदेश के विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रूझान बढ़े और इसके लिए शिक्षा विभाग से भी सहयोग लिया जाएगा।
उन्होंने यह जानकारी सदन में कोसली विधानसभा क्षेत्र के भाकली गांव में बहुतकनीकी संस्थान खोलने को लेकर के बारे पूछे गये सवाल पर दी। उन्होंने बहुतकनीकी और इंजीनियंिरग कॉलेजों के पाठयक्रमों में शैक्षणिक सत्रों में निरंतर खाली रह रही सीटों के चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि 10+2 स्तर के विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रूझान कम हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अब आगे से नया तकनीकी या इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने के बारे विभाग विचार नहीं करेगा क्योंकि पहले से संचालित निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों और सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में आवंटित सीटें भी खाली रह जाती हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि इंजीनियरिंग कॉलेज और बहुतकनीकी संस्थानों के लिए सरकार विशेष बसों की व्यवस्था करने के लिए तैयार है।
हरियाणा सरकार ने कालोनियों के निवासियों से बिना किसी खर्च के कालोनियों या घरों से ऊपर से गुजरने वाली खतरनाक 33 के.वी. तथा 11 के.वी. लाइनों को शिफ्ट करने का निर्णय लिया है। राज्य के विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह ने आज प्रश्नकाल के दौरान पूछे गये एक सवाल पर दी।
उन्होंने बताया कि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम का 23.92 करोड़ रुपये की लागत से 11 के.वी. की 293 और 33 के.वी. की 33 लाइनों का कार्य पूरा हो चुका है जबकि 11 के.वी. की 243 और 33 के.वी. की 28 लाइनों का कार्य प्रगति पर है। मंत्री के अनुसार दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा 46.84 करोड़ रुपये की लागत से अब तक 11 के.वी. की 779 खतरनाक लाइनों तथा 33 के.वी. की 25 लाइनों की शिफ्टिंग का कार्य पूरा हो चुका है जबकि 11 के.वी. की 600 खतरनाक लाइनों तथा 33 के.वी. की 12 लाइनों की शिफ्टिंग का कार्य प्रगति पर है।